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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5808 | 81 | 8 | وإذا الموءودة سئلت |
| | | और जिस वक्त ज़िन्दा दर गोर लड़की से पूछा जाएगा |
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5809 | 81 | 9 | بأي ذنب قتلت |
| | | कि वह किस गुनाह के बदले मारी गयी |
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5810 | 81 | 10 | وإذا الصحف نشرت |
| | | और जिस वक्त (आमाल के) दफ्तर खोले जाएं |
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5811 | 81 | 11 | وإذا السماء كشطت |
| | | और जिस वक्त आसमान का छिलका उतारा जाएगा |
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5812 | 81 | 12 | وإذا الجحيم سعرت |
| | | और जब दोज़ख़ (की आग) भड़कायी जाएगी |
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5813 | 81 | 13 | وإذا الجنة أزلفت |
| | | और जब बेहिश्त क़रीब कर दी जाएगी |
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5814 | 81 | 14 | علمت نفس ما أحضرت |
| | | तब हर शख़्श मालूम करेगा कि वह क्या (आमाल) लेकर आया |
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5815 | 81 | 15 | فلا أقسم بالخنس |
| | | तो मुझे उन सितारों की क़सम जो चलते चलते पीछे हट जाते |
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5816 | 81 | 16 | الجوار الكنس |
| | | और ग़ायब होते हैं |
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5817 | 81 | 17 | والليل إذا عسعس |
| | | और रात की क़सम जब ख़त्म होने को आए |
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