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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5795 | 80 | 37 | لكل امرئ منهم يومئذ شأن يغنيه |
| | | उनमें से प्रत्येक व्यक्ति को उस दिन ऐसी पड़ी होगी जो उसे दूसरों से बेपरवाह कर देगी |
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5796 | 80 | 38 | وجوه يومئذ مسفرة |
| | | कितने ही चेहरे उस दिन रौशन होंगे, |
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5797 | 80 | 39 | ضاحكة مستبشرة |
| | | हँसते, प्रफुल्लित |
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5798 | 80 | 40 | ووجوه يومئذ عليها غبرة |
| | | और कितने ही चेहरे होंगे जिनपर उस दिन धूल पड़ी होगी, |
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5799 | 80 | 41 | ترهقها قترة |
| | | उनपर कलौंस छा रही होगी |
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5800 | 80 | 42 | أولئك هم الكفرة الفجرة |
| | | वहीं होंगे इनकार करनेवाले दुराचारी लोग! |
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5801 | 81 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم إذا الشمس كورت |
| | | जब सूर्य लपेट दिया जाएगा, |
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5802 | 81 | 2 | وإذا النجوم انكدرت |
| | | सारे तारे मैले हो जाएँगे, |
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5803 | 81 | 3 | وإذا الجبال سيرت |
| | | जब पहाड़ चलाए जाएँगे, |
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5804 | 81 | 4 | وإذا العشار عطلت |
| | | जब दस मास की गाभिन ऊँटनियाँ आज़ाद छोड़ दी जाएँगी, |
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