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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5773 | 80 | 15 | بأيدي سفرة |
| | | ऐसे कातिबों के हाथों में रहा करते है |
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5774 | 80 | 16 | كرام بررة |
| | | जो प्रतिष्ठित और नेक है |
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5775 | 80 | 17 | قتل الإنسان ما أكفره |
| | | विनष्ट हुआ मनुष्य! कैसा अकृतज्ञ है! |
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5776 | 80 | 18 | من أي شيء خلقه |
| | | उसको किस चीज़ से पैदा किया? |
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5777 | 80 | 19 | من نطفة خلقه فقدره |
| | | तनिक-सी बूँद से उसको पैदा किया, तो उसके लिए एक अंदाजा ठहराया, |
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5778 | 80 | 20 | ثم السبيل يسره |
| | | फिर मार्ग को देखो, उसे सुगम कर दिया, |
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5779 | 80 | 21 | ثم أماته فأقبره |
| | | फिर उसे मृत्यु दी और क्रब में उसे रखवाया, |
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5780 | 80 | 22 | ثم إذا شاء أنشره |
| | | फिर जब चाहेगा उसे (जीवित करके) उठा खड़ा करेगा। - |
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5781 | 80 | 23 | كلا لما يقض ما أمره |
| | | कदापि नहीं, उसने उसको पूरा नहीं किया जिसका आदेश अल्लाह ने उसे दिया है |
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5782 | 80 | 24 | فلينظر الإنسان إلى طعامه |
| | | अतः मनुष्य को चाहिए कि अपने भोजन को देखे, |
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