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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5758 | 79 | 46 | كأنهم يوم يرونها لم يلبثوا إلا عشية أو ضحاها |
| | | जिस दिन वे उसे देखेंगे तो (ऐसा लगेगा) मानो वे (दुनिया में) बस एक शाम या उसकी सुबह ही ठहरे है |
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5759 | 80 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم عبس وتولى |
| | | उसने त्योरी चढ़ाई और मुँह फेर लिया, |
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5760 | 80 | 2 | أن جاءه الأعمى |
| | | इस कारण कि उसके पास अन्धा आ गया। |
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5761 | 80 | 3 | وما يدريك لعله يزكى |
| | | और तुझे क्या मालूम शायद वह स्वयं को सँवारता-निखारता हो |
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5762 | 80 | 4 | أو يذكر فتنفعه الذكرى |
| | | या नसीहत हासिल करता हो तो नसीहत उसके लिए लाभदायक हो? |
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5763 | 80 | 5 | أما من استغنى |
| | | रहा वह व्यक्ति जो धनी हो गया ह |
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5764 | 80 | 6 | فأنت له تصدى |
| | | तू उसके पीछे पड़ा है - |
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5765 | 80 | 7 | وما عليك ألا يزكى |
| | | हालाँकि वह अपने को न निखारे तो तुझपर कोई ज़िम्मेदारी नहीं आती - |
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5766 | 80 | 8 | وأما من جاءك يسعى |
| | | और रहा वह व्यक्ति जो स्वयं ही तेरे पास दौड़ता हुआ आया, |
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5767 | 80 | 9 | وهو يخشى |
| | | और वह डरता भी है, |
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