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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5747 | 79 | 35 | يوم يتذكر الإنسان ما سعى |
| | | उस दिन मनुष्य जो कुछ भी उसने प्रयास किया होगा उसे याद करेगा |
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5748 | 79 | 36 | وبرزت الجحيم لمن يرى |
| | | और भड़कती आग (जहन्नम) देखने वालों के लिए खोल दी जाएगी |
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5749 | 79 | 37 | فأما من طغى |
| | | तो जिस किसी ने सरकशी की |
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5750 | 79 | 38 | وآثر الحياة الدنيا |
| | | और सांसारिक जीवन को प्राथमिकता दो होगी, |
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5751 | 79 | 39 | فإن الجحيم هي المأوى |
| | | तो निस्संदेह भड़कती आग ही उसका ठिकाना है |
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5752 | 79 | 40 | وأما من خاف مقام ربه ونهى النفس عن الهوى |
| | | और रहा वह व्यक्ति जिसने अपने रब के सामने खड़े होने का भय रखा और अपने जी को बुरी इच्छा से रोका, |
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5753 | 79 | 41 | فإن الجنة هي المأوى |
| | | तो जन्नत ही उसका ठिकाना है |
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5754 | 79 | 42 | يسألونك عن الساعة أيان مرساها |
| | | वे तुमसे उस घड़ी के विषय में पूछते है कि वह कब आकर ठहरेगी? |
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5755 | 79 | 43 | فيم أنت من ذكراها |
| | | उसके बयान करने से तुम्हारा क्या सम्बन्ध? |
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5756 | 79 | 44 | إلى ربك منتهاها |
| | | उसकी अन्तिम पहुँच तो तेरे से ही सम्बन्ध रखती है |
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