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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5741 | 79 | 29 | وأغطش ليلها وأخرج ضحاها |
| | | और उसकी रात को अन्धकारमय बनाया और उसका दिवस-प्रकाश प्रकट किया |
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5742 | 79 | 30 | والأرض بعد ذلك دحاها |
| | | और धरती को देखो! इसके पश्चात उसे फैलाया; |
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5743 | 79 | 31 | أخرج منها ماءها ومرعاها |
| | | उसमें से उसका पानी और उसका चारा निकाला |
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5744 | 79 | 32 | والجبال أرساها |
| | | और पहाड़ो को देखो! उन्हें उस (धरती) में जमा दिया, |
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5745 | 79 | 33 | متاعا لكم ولأنعامكم |
| | | तुम्हारे लिए और तुम्हारे मवेशियों के लिए जीवन-सामग्री के रूप में |
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5746 | 79 | 34 | فإذا جاءت الطامة الكبرى |
| | | फिर जब वह महाविपदा आएगी, |
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5747 | 79 | 35 | يوم يتذكر الإنسان ما سعى |
| | | उस दिन मनुष्य जो कुछ भी उसने प्रयास किया होगा उसे याद करेगा |
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5748 | 79 | 36 | وبرزت الجحيم لمن يرى |
| | | और भड़कती आग (जहन्नम) देखने वालों के लिए खोल दी जाएगी |
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5749 | 79 | 37 | فأما من طغى |
| | | तो जिस किसी ने सरकशी की |
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5750 | 79 | 38 | وآثر الحياة الدنيا |
| | | और सांसारिक जीवन को प्राथमिकता दो होगी, |
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