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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5735 | 79 | 23 | فحشر فنادى |
| | | फिर (लोगों को) एकत्र किया और पुकारकर कहा, |
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5736 | 79 | 24 | فقال أنا ربكم الأعلى |
| | | "मैं तुम्हारा उच्चकोटि का स्वामी हूँ!" |
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5737 | 79 | 25 | فأخذه الله نكال الآخرة والأولى |
| | | अन्ततः अल्लाह ने उसे आख़िरत और दुनिया की शिक्षाप्रद यातना में पकड़ लिया |
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5738 | 79 | 26 | إن في ذلك لعبرة لمن يخشى |
| | | निस्संदेह इसमें उस व्यक्ति के लिए बड़ी शिक्षा है जो डरे! |
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5739 | 79 | 27 | أأنتم أشد خلقا أم السماء بناها |
| | | क्या तुम्हें पैदा करना अधिक कठिन कार्य है या आकाश को? अल्लाह ने उसे बनाया, |
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5740 | 79 | 28 | رفع سمكها فسواها |
| | | उसकी ऊँचाई को ख़ूब ऊँचा करके उसे ठीक-ठाक किया; |
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5741 | 79 | 29 | وأغطش ليلها وأخرج ضحاها |
| | | और उसकी रात को अन्धकारमय बनाया और उसका दिवस-प्रकाश प्रकट किया |
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5742 | 79 | 30 | والأرض بعد ذلك دحاها |
| | | और धरती को देखो! इसके पश्चात उसे फैलाया; |
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5743 | 79 | 31 | أخرج منها ماءها ومرعاها |
| | | उसमें से उसका पानी और उसका चारा निकाला |
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5744 | 79 | 32 | والجبال أرساها |
| | | और पहाड़ो को देखो! उन्हें उस (धरती) में जमा दिया, |
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