نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5731 | 79 | 19 | وأهديك إلى ربك فتخشى |
| | | और मैं तुझे तेरे परवरदिगार की राह बता दूँ तो तुझको ख़ौफ (पैदा) हो |
|
5732 | 79 | 20 | فأراه الآية الكبرى |
| | | ग़रज़ मूसा ने उसे (असा का बड़ा) मौजिज़ा दिखाया |
|
5733 | 79 | 21 | فكذب وعصى |
| | | तो उसने झुठला दिया और न माना |
|
5734 | 79 | 22 | ثم أدبر يسعى |
| | | फिर पीठ फेर कर (ख़िलाफ़ की) तदबीर करने लगा |
|
5735 | 79 | 23 | فحشر فنادى |
| | | फिर (लोगों को) जमा किया और बुलन्द आवाज़ से चिल्लाया |
|
5736 | 79 | 24 | فقال أنا ربكم الأعلى |
| | | तो कहने लगा मैं तुम लोगों का सबसे बड़ा परवरदिगार हूँ |
|
5737 | 79 | 25 | فأخذه الله نكال الآخرة والأولى |
| | | तो ख़ुदा ने उसे दुनिया और आख़ेरत (दोनों) के अज़ाब में गिरफ्तार किया |
|
5738 | 79 | 26 | إن في ذلك لعبرة لمن يخشى |
| | | बेशक जो शख़्श (ख़ुदा से) डरे उसके लिए इस (किस्से) में इबरत है |
|
5739 | 79 | 27 | أأنتم أشد خلقا أم السماء بناها |
| | | भला तुम्हारा पैदा करना ज्यादा मुश्किल है या आसमान का |
|
5740 | 79 | 28 | رفع سمكها فسواها |
| | | कि उसी ने उसको बनाया उसकी छत को ख़ूब ऊँचा रखा |
|