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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5727 | 79 | 15 | هل أتاك حديث موسى |
| | | (ऐ रसूल) क्या तुम्हारे पास मूसा का किस्सा भी पहुँचा है |
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5728 | 79 | 16 | إذ ناداه ربه بالواد المقدس طوى |
| | | जब उनको परवरदिगार ने तूवा के मैदान में पुकारा |
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5729 | 79 | 17 | اذهب إلى فرعون إنه طغى |
| | | कि फिरऔन के पास जाओ वह सरकश हो गया है |
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5730 | 79 | 18 | فقل هل لك إلى أن تزكى |
| | | (और उससे) कहो कि क्या तेरी ख्वाहिश है कि (कुफ्र से) पाक हो जाए |
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5731 | 79 | 19 | وأهديك إلى ربك فتخشى |
| | | और मैं तुझे तेरे परवरदिगार की राह बता दूँ तो तुझको ख़ौफ (पैदा) हो |
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5732 | 79 | 20 | فأراه الآية الكبرى |
| | | ग़रज़ मूसा ने उसे (असा का बड़ा) मौजिज़ा दिखाया |
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5733 | 79 | 21 | فكذب وعصى |
| | | तो उसने झुठला दिया और न माना |
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5734 | 79 | 22 | ثم أدبر يسعى |
| | | फिर पीठ फेर कर (ख़िलाफ़ की) तदबीर करने लगा |
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5735 | 79 | 23 | فحشر فنادى |
| | | फिर (लोगों को) जमा किया और बुलन्द आवाज़ से चिल्लाया |
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5736 | 79 | 24 | فقال أنا ربكم الأعلى |
| | | तो कहने लगा मैं तुम लोगों का सबसे बड़ा परवरदिगार हूँ |
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