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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5722 | 79 | 10 | يقولون أإنا لمردودون في الحافرة |
| | | कुफ्फ़ार कहते हैं कि क्या हम उलटे पाँव (ज़िन्दगी की तरफ़) फिर लौटेंगे |
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5723 | 79 | 11 | أإذا كنا عظاما نخرة |
| | | क्या जब हम खोखल हड्डियाँ हो जाएँगे |
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5724 | 79 | 12 | قالوا تلك إذا كرة خاسرة |
| | | कहते हैं कि ये लौटना तो बड़ा नुक़सान देह है |
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5725 | 79 | 13 | فإنما هي زجرة واحدة |
| | | वह (क़यामत) तो (गोया) बस एक सख्त चीख़ होगी |
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5726 | 79 | 14 | فإذا هم بالساهرة |
| | | और लोग शक़ बारगी एक मैदान (हश्र) में मौजूद होंगे |
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5727 | 79 | 15 | هل أتاك حديث موسى |
| | | (ऐ रसूल) क्या तुम्हारे पास मूसा का किस्सा भी पहुँचा है |
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5728 | 79 | 16 | إذ ناداه ربه بالواد المقدس طوى |
| | | जब उनको परवरदिगार ने तूवा के मैदान में पुकारा |
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5729 | 79 | 17 | اذهب إلى فرعون إنه طغى |
| | | कि फिरऔन के पास जाओ वह सरकश हो गया है |
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5730 | 79 | 18 | فقل هل لك إلى أن تزكى |
| | | (और उससे) कहो कि क्या तेरी ख्वाहिश है कि (कुफ्र से) पाक हो जाए |
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5731 | 79 | 19 | وأهديك إلى ربك فتخشى |
| | | और मैं तुझे तेरे परवरदिगार की राह बता दूँ तो तुझको ख़ौफ (पैदा) हो |
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