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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5682 | 78 | 10 | وجعلنا الليل لباسا |
| | | रात को आवरण बनाया, |
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5683 | 78 | 11 | وجعلنا النهار معاشا |
| | | और दिन को जीवन-वृति के लिए बनाया |
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5684 | 78 | 12 | وبنينا فوقكم سبعا شدادا |
| | | और तुम्हारे ऊपर सात सुदृढ़ आकाश निर्मित किए, |
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5685 | 78 | 13 | وجعلنا سراجا وهاجا |
| | | और एक तप्त और प्रकाशमान प्रदीप बनाया, |
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5686 | 78 | 14 | وأنزلنا من المعصرات ماء ثجاجا |
| | | और बरस पड़नेवाली घटाओं से हमने मूसलाधार पानी उतारा, |
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5687 | 78 | 15 | لنخرج به حبا ونباتا |
| | | ताकि हम उसके द्वारा अनाज और वनस्पति उत्पादित करें |
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5688 | 78 | 16 | وجنات ألفافا |
| | | और सघन बांग़ भी। |
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5689 | 78 | 17 | إن يوم الفصل كان ميقاتا |
| | | निस्संदेह फ़ैसले का दिन एक नियत समय है, |
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5690 | 78 | 18 | يوم ينفخ في الصور فتأتون أفواجا |
| | | जिस दिन नरसिंघा में फूँक मारी जाएगी, तो तुम गिरोह को गिरोह चले आओगे। |
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5691 | 78 | 19 | وفتحت السماء فكانت أبوابا |
| | | और आकाश खोल दिया जाएगा तो द्वार ही द्वार हो जाएँगे; |
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