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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5676 | 78 | 4 | كلا سيعلمون |
| | | देखो उन्हें अनक़रीब ही मालूम हो जाएगा |
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5677 | 78 | 5 | ثم كلا سيعلمون |
| | | फिर इन्हें अनक़रीब ही ज़रूर मालूम हो जाएगा |
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5678 | 78 | 6 | ألم نجعل الأرض مهادا |
| | | क्या हमने ज़मीन को बिछौना |
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5679 | 78 | 7 | والجبال أوتادا |
| | | और पहाड़ों को (ज़मीन) की मेख़े नहीं बनाया |
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5680 | 78 | 8 | وخلقناكم أزواجا |
| | | और हमने तुम लोगों को जोड़ा जोड़ा पैदा किया |
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5681 | 78 | 9 | وجعلنا نومكم سباتا |
| | | और तुम्हारी नींद को आराम (का बाइस) क़रार दिया |
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5682 | 78 | 10 | وجعلنا الليل لباسا |
| | | और रात को परदा बनाया |
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5683 | 78 | 11 | وجعلنا النهار معاشا |
| | | और हम ही ने दिन को (कसब) मआश (का वक्त) बनाया |
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5684 | 78 | 12 | وبنينا فوقكم سبعا شدادا |
| | | और तुम्हारे ऊपर सात मज़बूत (आसमान) बनाए |
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5685 | 78 | 13 | وجعلنا سراجا وهاجا |
| | | और हम ही ने (सूरज) को रौशन चिराग़ बनाया |
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