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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5652 | 77 | 30 | انطلقوا إلى ظل ذي ثلاث شعب |
| | | (धुएँ के) साये की तरफ़ चलो जिसके तीन हिस्से हैं |
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5653 | 77 | 31 | لا ظليل ولا يغني من اللهب |
| | | जिसमें न ठन्डक है और न जहन्नुम की लपक से बचाएगा |
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5654 | 77 | 32 | إنها ترمي بشرر كالقصر |
| | | उससे इतने बड़े बड़े अंगारे बरसते होंगे जैसे महल |
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5655 | 77 | 33 | كأنه جمالت صفر |
| | | गोया ज़र्द रंग के ऊँट हैं |
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5656 | 77 | 34 | ويل يومئذ للمكذبين |
| | | उस दिन झुठलाने वालों की ख़राबी है |
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5657 | 77 | 35 | هذا يوم لا ينطقون |
| | | ये वह दिन होगा कि लोग लब तक न हिला सकेंगे |
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5658 | 77 | 36 | ولا يؤذن لهم فيعتذرون |
| | | और उनको इजाज़त दी जाएगी कि कुछ उज्र माअज़ेरत कर सकें |
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5659 | 77 | 37 | ويل يومئذ للمكذبين |
| | | उस दिन झुठलाने वालों की तबाही है |
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5660 | 77 | 38 | هذا يوم الفصل جمعناكم والأولين |
| | | यही फैसले का दिन है (जिस में) हमने तुमको और अगलों को इकट्ठा किया है |
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5661 | 77 | 39 | فإن كان لكم كيد فكيدون |
| | | तो अगर तुम्हें कोई दाँव करना हो तो आओ चल चुको |
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