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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5621 | 76 | 30 | وما تشاءون إلا أن يشاء الله إن الله كان عليما حكيما |
| | | और तुम नहीं चाह सकते सिवाय इसके कि अल्लाह चाहे। निस्संदेह अल्लाह सर्वज्ञ, तत्वदर्शी है |
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5622 | 76 | 31 | يدخل من يشاء في رحمته والظالمين أعد لهم عذابا أليما |
| | | वह जिसे चाहता है अपनी दयालुता में दाख़िल करता है। रहे ज़ालिम, तो उनके लिए उसने दुखद यातना तैयार कर रखी है |
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5623 | 77 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم والمرسلات عرفا |
| | | साक्षी है वे (हवाएँ) जिनकी चोटी छोड़ दी जाती है |
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5624 | 77 | 2 | فالعاصفات عصفا |
| | | फिर ख़ूब तेज़ हो जाती है, |
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5625 | 77 | 3 | والناشرات نشرا |
| | | और (बादलों को) उठाकर फैलाती है, |
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5626 | 77 | 4 | فالفارقات فرقا |
| | | फिर मामला करती है अलग-अलग, |
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5627 | 77 | 5 | فالملقيات ذكرا |
| | | फिर पेश करती है याददिहानी |
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5628 | 77 | 6 | عذرا أو نذرا |
| | | इल्ज़ाम उतारने या चेतावनी देने के लिए, |
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5629 | 77 | 7 | إنما توعدون لواقع |
| | | निस्संदेह जिसका वादा तुमसे किया जा रहा है वह निश्चित ही घटित होकर रहेगा |
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5630 | 77 | 8 | فإذا النجوم طمست |
| | | अतः जब तारे विलुप्त (प्रकाशहीन) हो जाएँगे, |
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