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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5619 | 76 | 28 | نحن خلقناهم وشددنا أسرهم وإذا شئنا بدلنا أمثالهم تبديلا |
| | | हमने उन्हें पैदा किया और उनके जोड़-बन्द मज़बूत किेए और हम जब चाहे उन जैसों को पूर्णतः बदल दें |
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5620 | 76 | 29 | إن هذه تذكرة فمن شاء اتخذ إلى ربه سبيلا |
| | | निश्चय ही यह एक अनुस्मृति है, अब जो चाहे अपने रब की ओर मार्ग ग्रहण कर ले |
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5621 | 76 | 30 | وما تشاءون إلا أن يشاء الله إن الله كان عليما حكيما |
| | | और तुम नहीं चाह सकते सिवाय इसके कि अल्लाह चाहे। निस्संदेह अल्लाह सर्वज्ञ, तत्वदर्शी है |
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5622 | 76 | 31 | يدخل من يشاء في رحمته والظالمين أعد لهم عذابا أليما |
| | | वह जिसे चाहता है अपनी दयालुता में दाख़िल करता है। रहे ज़ालिम, तो उनके लिए उसने दुखद यातना तैयार कर रखी है |
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5623 | 77 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم والمرسلات عرفا |
| | | साक्षी है वे (हवाएँ) जिनकी चोटी छोड़ दी जाती है |
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5624 | 77 | 2 | فالعاصفات عصفا |
| | | फिर ख़ूब तेज़ हो जाती है, |
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5625 | 77 | 3 | والناشرات نشرا |
| | | और (बादलों को) उठाकर फैलाती है, |
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5626 | 77 | 4 | فالفارقات فرقا |
| | | फिर मामला करती है अलग-अलग, |
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5627 | 77 | 5 | فالملقيات ذكرا |
| | | फिर पेश करती है याददिहानी |
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5628 | 77 | 6 | عذرا أو نذرا |
| | | इल्ज़ाम उतारने या चेतावनी देने के लिए, |
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