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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5600 | 76 | 9 | إنما نطعمكم لوجه الله لا نريد منكم جزاء ولا شكورا |
| | | "हम तो केवल अल्लाह की प्रसन्नता के लिए तुम्हें खिलाते है, तुमसे न कोई बदला चाहते है और न कृतज्ञता ज्ञापन |
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5601 | 76 | 10 | إنا نخاف من ربنا يوما عبوسا قمطريرا |
| | | "हमें तो अपने रब की ओर से एक ऐसे दिन का भय है जो त्योरी पर बल डाले हुए अत्यन्त क्रूर होगा।" |
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5602 | 76 | 11 | فوقاهم الله شر ذلك اليوم ولقاهم نضرة وسرورا |
| | | अतः अल्लाह ने उस दिन की बुराई से बचा लिया और उन्हें ताज़गी और ख़ुशी प्रदान की, |
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5603 | 76 | 12 | وجزاهم بما صبروا جنة وحريرا |
| | | और जो उन्होंने धैर्य से काम लिया, उसके बदले में उन्हें जन्नत और रेशमी वस्त्र प्रदान किया |
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5604 | 76 | 13 | متكئين فيها على الأرائك لا يرون فيها شمسا ولا زمهريرا |
| | | उसमें वे तख़्तों पर टेक लगाए होंगे, वे उसमें न तो सख़्त धूप देखेंगे औ न सख़्त ठंड़ |
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5605 | 76 | 14 | ودانية عليهم ظلالها وذللت قطوفها تذليلا |
| | | और उस (बाग़) के साए उनपर झुके होंगे और उसके फलों के गुच्छे बिलकुल उनके वश में होंगे |
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5606 | 76 | 15 | ويطاف عليهم بآنية من فضة وأكواب كانت قواريرا |
| | | और उनके पास चाँदी के बरतन ग़र्दिश में होंगे और प्याले |
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5607 | 76 | 16 | قوارير من فضة قدروها تقديرا |
| | | जो बिल्कुल शीशे हो रहे होंगे, शीशे भी चाँदी के जो ठीक अन्दाज़े करके रखे गए होंगे |
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5608 | 76 | 17 | ويسقون فيها كأسا كان مزاجها زنجبيلا |
| | | और वहाँ वे एक और जाम़ पिएँगे जिसमें सोंठ का मिश्रण होगा |
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5609 | 76 | 18 | عينا فيها تسمى سلسبيلا |
| | | क्या कहना उस स्रोत का जो उसमें होगा, जिसका नाम सल-सबील है |
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