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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5564 | 75 | 13 | ينبأ الإنسان يومئذ بما قدم وأخر |
| | | उस दिन आदमी को जो कुछ उसके आगे पीछे किया है बता दिया जाएगा |
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5565 | 75 | 14 | بل الإنسان على نفسه بصيرة |
| | | बल्कि इन्सान तो अपने ऊपर आप गवाह है |
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5566 | 75 | 15 | ولو ألقى معاذيره |
| | | अगरचे वह अपने गुनाहों की उज्र व ज़रूर माज़ेरत पढ़ा करता रहे |
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5567 | 75 | 16 | لا تحرك به لسانك لتعجل به |
| | | (ऐ रसूल) वही के जल्दी याद करने वास्ते अपनी ज़बान को हरकत न दो |
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5568 | 75 | 17 | إن علينا جمعه وقرآنه |
| | | उसका जमा कर देना और पढ़वा देना तो यक़ीनी हमारे ज़िम्मे है |
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5569 | 75 | 18 | فإذا قرأناه فاتبع قرآنه |
| | | तो जब हम उसको (जिबरील की ज़बानी) पढ़ें तो तुम भी (पूरा) सुनने के बाद इसी तरह पढ़ा करो |
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5570 | 75 | 19 | ثم إن علينا بيانه |
| | | फिर उस (के मुश्किलात का समझा देना भी हमारे ज़िम्में है) |
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5571 | 75 | 20 | كلا بل تحبون العاجلة |
| | | मगर (लोगों) हक़ तो ये है कि तुम लोग दुनिया को दोस्त रखते हो |
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5572 | 75 | 21 | وتذرون الآخرة |
| | | और आख़ेरत को छोड़े बैठे हो |
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5573 | 75 | 22 | وجوه يومئذ ناضرة |
| | | उस रोज़ बहुत से चेहरे तो तरो ताज़ा बशबाब होंगे |
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