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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5537 | 74 | 42 | ما سلككم في سقر |
| | | "तुम्हे क्या चीज़ सकंर (जहन्नम) में ले आई?" |
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5538 | 74 | 43 | قالوا لم نك من المصلين |
| | | वे कहेंगे, "हम नमाज़ अदा करनेवालों में से न थे। |
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5539 | 74 | 44 | ولم نك نطعم المسكين |
| | | और न हम मुहताज को खाना खिलाते थे |
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5540 | 74 | 45 | وكنا نخوض مع الخائضين |
| | | "और व्यर्थ बात और कठ-हुज्जती में पड़े रहनेवालों के साथ हम भी उसी में लगे रहते थे। |
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5541 | 74 | 46 | وكنا نكذب بيوم الدين |
| | | और हम बदला दिए जाने के दिन को झुठलाते थे, |
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5542 | 74 | 47 | حتى أتانا اليقين |
| | | "यहाँ तक कि विश्वसनीय चीज़ (प्रलय-दिवस) में हमें आ लिया।" |
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5543 | 74 | 48 | فما تنفعهم شفاعة الشافعين |
| | | अतः सिफ़ारिश करनेवालों को कोई सिफ़ारिश उनको कुछ लाभ न पहुँचा सकेगी |
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5544 | 74 | 49 | فما لهم عن التذكرة معرضين |
| | | आख़िर उन्हें क्या हुआ है कि वे नसीहत से कतराते है, |
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5545 | 74 | 50 | كأنهم حمر مستنفرة |
| | | मानो वे बिदके हुए जंगली गधे है |
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5546 | 74 | 51 | فرت من قسورة |
| | | जो शेर से (डरकर) भागे है? |
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