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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5533 | 74 | 38 | كل نفس بما كسبت رهينة |
| | | और (बुराई से) पीछे हटना चाहे हर शख़्श अपने आमाल के बदले गिर्द है |
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5534 | 74 | 39 | إلا أصحاب اليمين |
| | | मगर दाहिने हाथ (में नामए अमल लेने) वाले |
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5535 | 74 | 40 | في جنات يتساءلون |
| | | (बेहिश्त के) बाग़ों में गुनेहगारों से बाहम पूछ रहे होंगे |
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5536 | 74 | 41 | عن المجرمين |
| | | कि आख़िर तुम्हें दोज़ख़ में कौन सी चीज़ (घसीट) लायी |
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5537 | 74 | 42 | ما سلككم في سقر |
| | | वह लोग कहेंगे |
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5538 | 74 | 43 | قالوا لم نك من المصلين |
| | | कि हम न तो नमाज़ पढ़ा करते थे |
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5539 | 74 | 44 | ولم نك نطعم المسكين |
| | | और न मोहताजों को खाना खिलाते थे |
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5540 | 74 | 45 | وكنا نخوض مع الخائضين |
| | | और अहले बातिल के साथ हम भी बड़े काम में घुस पड़ते थे |
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5541 | 74 | 46 | وكنا نكذب بيوم الدين |
| | | और रोज़ जज़ा को झुठलाया करते थे (और यूँ ही रहे) |
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5542 | 74 | 47 | حتى أتانا اليقين |
| | | यहाँ तक कि हमें मौत आ गयी |
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