بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
554461وإذا قيل لهم تعالوا إلى ما أنزل الله وإلى الرسول رأيت المنافقين يصدون عنك صدودا
और जब उनसे कहा जाता है कि ख़ुदा ने जो किताब नाज़िल की है उसकी तरफ़ और रसूल की तरफ़ रूजू करो तो तुम मुनाफ़िक़ीन को देखते हो कि तुमसे किस तरह मुंह फेर लेते हैं
555462فكيف إذا أصابتهم مصيبة بما قدمت أيديهم ثم جاءوك يحلفون بالله إن أردنا إلا إحسانا وتوفيقا
कि जब उनपर उनके करतूत की वजह से कोई मुसीबत पड़ती है तो क्योंकर तुम्हारे पास ख़ुदा की क़समें खाते हैं कि हमारा मतलब नेकी और मेल मिलाप के सिवा कुछ न था ये वह लोग हैं कि कुछ ख़ुदा ही उनके दिल की हालत ख़ूब जानता है
556463أولئك الذين يعلم الله ما في قلوبهم فأعرض عنهم وعظهم وقل لهم في أنفسهم قولا بليغا
पस तुम उनसे दरगुज़र करो और उनको नसीहत करो और उनसे उनके दिल में असर करने वाली बात कहो और हमने कोई रसूल नहीं भेजा मगर इस वास्ते कि ख़ुदा के हुक्म से लोग उसकी इताअत करें
557464وما أرسلنا من رسول إلا ليطاع بإذن الله ولو أنهم إذ ظلموا أنفسهم جاءوك فاستغفروا الله واستغفر لهم الرسول لوجدوا الله توابا رحيما
और (रसूल) जब उन लोगों ने (नाफ़रमानी करके) अपनी जानों पर जुल्म किया था अगर तुम्हारे पास चले आते और ख़ुदा से माफ़ी मॉगते और रसूल (तुम) भी उनकी मग़फ़िरत चाहते तो बेशक वह लोग ख़ुदा को बड़ा तौबा क़ुबूल करने वाला मेहरबान पाते
558465فلا وربك لا يؤمنون حتى يحكموك فيما شجر بينهم ثم لا يجدوا في أنفسهم حرجا مما قضيت ويسلموا تسليما
पस (ऐ रसूल) तुम्हारे परवरदिगार की क़सम ये लोग सच्चे मोमिन न होंगे तावक्ते क़ि अपने बाहमी झगड़ों में तुमको अपना हाकिम (न) बनाएं फिर (यही नहीं बल्कि) जो कुछ तुम फैसला करो उससे किसी तरह दिलतंग भी न हों बल्कि ख़ुशी ख़ुशी उसको मान लें
559466ولو أنا كتبنا عليهم أن اقتلوا أنفسكم أو اخرجوا من دياركم ما فعلوه إلا قليل منهم ولو أنهم فعلوا ما يوعظون به لكان خيرا لهم وأشد تثبيتا
(इस्लामी शरीयत में तो उनका ये हाल है) और अगर हम बनी इसराइल की तरह उनपर ये हुक्म जारी कर देते कि तुम अपने आपको क़त्ल कर डालो या शहर बदर हो जाओ तो उनमें से चन्द आदमियों के सिवा ये लोग तो उसको न करते और अगर ये लोग इस बात पर अमल करते जिसकी उन्हें नसीहत की जाती है तो उनके हक़ में बहुत बेहतर होता
560467وإذا لآتيناهم من لدنا أجرا عظيما
और (दीन में भी) बहुत साबित क़दमी से जमे रहते और इस सूरत में हम भी अपनी तरफ़ से ज़रूर बड़ा अच्छा बदला देते
561468ولهديناهم صراطا مستقيما
और उनको राहे रास्त की भी ज़रूर हिदायत करते
562469ومن يطع الله والرسول فأولئك مع الذين أنعم الله عليهم من النبيين والصديقين والشهداء والصالحين وحسن أولئك رفيقا
और जिस शख्स ने ख़ुदा और रसूल की इताअत की तो ऐसे लोग उन (मक़बूल) बन्दों के साथ होंगे जिन्हें ख़ुदा ने अपनी नेअमतें दी हैं यानि अम्बिया और सिद्दीक़ीन और शोहदा और सालेहीन और ये लोग क्या ही अच्छे रफ़ीक़ हैं
563470ذلك الفضل من الله وكفى بالله عليما
ये ख़ुदा का फ़ज़ल (व करम) है और ख़ुदा तो वाक़िफ़कारी में बस है


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