نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5515 | 74 | 20 | ثم قتل كيف قدر |
| | | उसने क्यों कर तजवीज़ की |
|
5516 | 74 | 21 | ثم نظر |
| | | फिर ग़ौर किया |
|
5517 | 74 | 22 | ثم عبس وبسر |
| | | फिर त्योरी चढ़ाई और मुँह बना लिया |
|
5518 | 74 | 23 | ثم أدبر واستكبر |
| | | फिर पीठ फेर कर चला गया और अकड़ बैठा |
|
5519 | 74 | 24 | فقال إن هذا إلا سحر يؤثر |
| | | फिर कहने लगा ये बस जादू है जो (अगलों से) चला आता है |
|
5520 | 74 | 25 | إن هذا إلا قول البشر |
| | | ये तो बस आदमी का कलाम है |
|
5521 | 74 | 26 | سأصليه سقر |
| | | (ख़ुदा का नहीं) मैं उसे अनक़रीब जहन्नुम में झोंक दूँगा |
|
5522 | 74 | 27 | وما أدراك ما سقر |
| | | और तुम क्या जानों कि जहन्नुम क्या है |
|
5523 | 74 | 28 | لا تبقي ولا تذر |
| | | वह न बाक़ी रखेगी न छोड़ देगी |
|
5524 | 74 | 29 | لواحة للبشر |
| | | और बदन को जला कर सियाह कर देगी |
|