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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5476 | 73 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم يا أيها المزمل |
| | | ऐ (मेरे) चादर लपेटे रसूल |
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5477 | 73 | 2 | قم الليل إلا قليلا |
| | | रात को (नमाज़ के वास्ते) खड़े रहो मगर (पूरी रात नहीं) |
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5478 | 73 | 3 | نصفه أو انقص منه قليلا |
| | | थोड़ी रात या आधी रात या इससे भी कुछ कम कर दो या उससे कुछ बढ़ा दो |
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5479 | 73 | 4 | أو زد عليه ورتل القرآن ترتيلا |
| | | और क़ुरान को बाक़ायदा ठहर ठहर कर पढ़ा करो |
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5480 | 73 | 5 | إنا سنلقي عليك قولا ثقيلا |
| | | हम अनक़रीब तुम पर एक भारी हुक्म नाज़िल करेंगे इसमें शक़ नहीं कि रात को उठना |
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5481 | 73 | 6 | إن ناشئة الليل هي أشد وطئا وأقوم قيلا |
| | | ख़ूब (नफ्स का) पामाल करना और बहुत ठिकाने से ज़िक्र का वक्त है |
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5482 | 73 | 7 | إن لك في النهار سبحا طويلا |
| | | दिन को तो तुम्हारे बहुत बड़े बड़े अशग़ाल हैं |
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5483 | 73 | 8 | واذكر اسم ربك وتبتل إليه تبتيلا |
| | | तो तुम अपने परवरदिगार के नाम का ज़िक्र करो और सबसे टूट कर उसी के हो रहो |
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5484 | 73 | 9 | رب المشرق والمغرب لا إله إلا هو فاتخذه وكيلا |
| | | (वही) मशरिक और मग़रिब का मालिक है उसके सिवा कोई माबूद नहीं तो तुम उसी को कारसाज़ बनाओ |
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5485 | 73 | 10 | واصبر على ما يقولون واهجرهم هجرا جميلا |
| | | और जो कुछ लोग बका करते हैं उस पर सब्र करो और उनसे बा उनवाने शाएस्ता अलग थलग रहो |
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