بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
5454727وأنهم ظنوا كما ظننتم أن لن يبعث الله أحدا
और ये कि जैसा तुम्हारा ख्याल है वैसा उनका भी एतक़ाद था कि ख़ुदा हरगिज़ किसी को दोबारा नहीं ज़िन्दा करेगा
5455728وأنا لمسنا السماء فوجدناها ملئت حرسا شديدا وشهبا
और ये कि हमने आसमान को टटोला तो उसको भी बहुत क़वी निगेहबानों और शोलो से भरा हुआ पाया
5456729وأنا كنا نقعد منها مقاعد للسمع فمن يستمع الآن يجد له شهابا رصدا
और ये कि पहले हम वहाँ बहुत से मक़ामात में (बातें) सुनने के लिए बैठा करते थे मगर अब कोई सुनना चाहे तो अपने लिए शोले तैयार पाएगा
54577210وأنا لا ندري أشر أريد بمن في الأرض أم أراد بهم ربهم رشدا
और ये कि हम नहीं समझते कि उससे अहले ज़मीन के हक़ में बुराई मक़सूद है या उनके परवरदिगार ने उनकी भलाई का इरादा किया है
54587211وأنا منا الصالحون ومنا دون ذلك كنا طرائق قددا
और ये कि हममें से कुछ लोग तो नेकोकार हैं और कुछ लोग और तरह के हम लोगों के भी तो कई तरह के फिरकें हैं
54597212وأنا ظننا أن لن نعجز الله في الأرض ولن نعجزه هربا
और ये कि हम समझते थे कि हम ज़मीन में (रह कर) ख़ुदा को हरगिज़ हरा नहीं सकते हैं और न भाग कर उसको आजिज़ कर सकते हैं
54607213وأنا لما سمعنا الهدى آمنا به فمن يؤمن بربه فلا يخاف بخسا ولا رهقا
और ये कि जब हमने हिदायत (की किताब) सुनी तो उन पर ईमान लाए तो जो शख़्श अपने परवरदिगार पर ईमान लाएगा तो उसको न नुक़सान का ख़ौफ़ है और न ज़ुल्म का
54617214وأنا منا المسلمون ومنا القاسطون فمن أسلم فأولئك تحروا رشدا
और ये कि हम में से कुछ लोग तो फ़रमाबरदार हैं और कुछ लोग नाफ़रमान तो जो लोग फ़रमाबरदार हैं तो वह सीधे रास्ते पर चलें और रहें
54627215وأما القاسطون فكانوا لجهنم حطبا
नाफरमान तो वह जहन्नुम के कुन्दे बने
54637216وأن لو استقاموا على الطريقة لأسقيناهم ماء غدقا
और (ऐ रसूल तुम कह दो) कि अगर ये लोग सीधी राह पर क़ायम रहते तो हम ज़रूर उनको अलग़ारों पानी से सेराब करते


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