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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5440 | 71 | 21 | قال نوح رب إنهم عصوني واتبعوا من لم يزده ماله وولده إلا خسارا |
| | | नूह ने कहा, "ऐ मेरे रब! उन्होंने मेरी अवज्ञा की, और उसका अनुसरण किया जिसके धन और जिसकी सन्तान ने उसके घाटे ही मे अभिवृद्धि की |
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5441 | 71 | 22 | ومكروا مكرا كبارا |
| | | "और वे बहुत बड़ी चाल चले, |
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5442 | 71 | 23 | وقالوا لا تذرن آلهتكم ولا تذرن ودا ولا سواعا ولا يغوث ويعوق ونسرا |
| | | "और उन्होंने कहा, अपने इष्ट-पूज्यों के कदापि न छोड़ो और न वह वद्द को छोड़ो और न सुवा को और न यग़ूस और न यऊक़ और नस्र को |
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5443 | 71 | 24 | وقد أضلوا كثيرا ولا تزد الظالمين إلا ضلالا |
| | | "और उन्होंने बहुत-से लोगों को पथभ्रष्ट॥ किया है (तो तू उन्हें मार्ग न दिया) अब, तू भी ज़ालिमों की पथभ्रष्टता ही में अभिवृद्धि कर।" |
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5444 | 71 | 25 | مما خطيئاتهم أغرقوا فأدخلوا نارا فلم يجدوا لهم من دون الله أنصارا |
| | | वे अपनी बड़ी ख़ताओं के कारण पानी में डूबो दिए गए, फिर आग में दाख़िल कर दिए गए, फिर वे अपने और अल्लाह के बीच आड़ बननेवाले सहायक न पा सके |
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5445 | 71 | 26 | وقال نوح رب لا تذر على الأرض من الكافرين ديارا |
| | | और नूह ने कहा, "ऐ मेरे रब! धरती पर इनकार करनेवालों में से किसी बसनेवाले को न छोड |
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5446 | 71 | 27 | إنك إن تذرهم يضلوا عبادك ولا يلدوا إلا فاجرا كفارا |
| | | "यदि तू उन्हें छोड़ देगा तो वे तेरे बन्दों को पथभ्रष्ट कर देंगे और वे दुराचारियों और बड़े अधर्मियों को ही जन्म देंगे |
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5447 | 71 | 28 | رب اغفر لي ولوالدي ولمن دخل بيتي مؤمنا وللمؤمنين والمؤمنات ولا تزد الظالمين إلا تبارا |
| | | "ऐ मेरे रब! मुझे क्षमा कर दे और मेरे माँ-बाप को भी और हर उस व्यक्ति को भी जो मेरे घर में ईमानवाला बन कर दाख़िल हुआ और (सामान्य) ईमानवाले पुरुषों और ईमानवाली स्त्रियों को भी (क्षमा कर दे), और ज़ालिमों के विनाश को ही बढ़ा।" |
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5448 | 72 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم قل أوحي إلي أنه استمع نفر من الجن فقالوا إنا سمعنا قرآنا عجبا |
| | | कह दो, "मेरी ओर प्रकाशना की गई है कि जिन्नों के एक गिरोह ने सुना, फिर उन्होंने कहा कि हमने एक मनभाता क़ुरआन सुना, |
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5449 | 72 | 2 | يهدي إلى الرشد فآمنا به ولن نشرك بربنا أحدا |
| | | "जो भलाई और सूझ-बूझ का मार्ग दिखाता है, अतः हम उसपर ईमान ले आए, और अब हम कदापि किसी को अपने रब का साझी नहीं ठहराएँगे |
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