بسم الله الرحمن الرحيم

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54407121قال نوح رب إنهم عصوني واتبعوا من لم يزده ماله وولده إلا خسارا
नूह ने कहा, "ऐ मेरे रब! उन्होंने मेरी अवज्ञा की, और उसका अनुसरण किया जिसके धन और जिसकी सन्तान ने उसके घाटे ही मे अभिवृद्धि की
54417122ومكروا مكرا كبارا
"और वे बहुत बड़ी चाल चले,
54427123وقالوا لا تذرن آلهتكم ولا تذرن ودا ولا سواعا ولا يغوث ويعوق ونسرا
"और उन्होंने कहा, अपने इष्ट-पूज्यों के कदापि न छोड़ो और न वह वद्द को छोड़ो और न सुवा को और न यग़ूस और न यऊक़ और नस्र को
54437124وقد أضلوا كثيرا ولا تزد الظالمين إلا ضلالا
"और उन्होंने बहुत-से लोगों को पथभ्रष्ट॥ किया है (तो तू उन्हें मार्ग न दिया) अब, तू भी ज़ालिमों की पथभ्रष्टता ही में अभिवृद्धि कर।"
54447125مما خطيئاتهم أغرقوا فأدخلوا نارا فلم يجدوا لهم من دون الله أنصارا
वे अपनी बड़ी ख़ताओं के कारण पानी में डूबो दिए गए, फिर आग में दाख़िल कर दिए गए, फिर वे अपने और अल्लाह के बीच आड़ बननेवाले सहायक न पा सके
54457126وقال نوح رب لا تذر على الأرض من الكافرين ديارا
और नूह ने कहा, "ऐ मेरे रब! धरती पर इनकार करनेवालों में से किसी बसनेवाले को न छोड
54467127إنك إن تذرهم يضلوا عبادك ولا يلدوا إلا فاجرا كفارا
"यदि तू उन्हें छोड़ देगा तो वे तेरे बन्दों को पथभ्रष्ट कर देंगे और वे दुराचारियों और बड़े अधर्मियों को ही जन्म देंगे
54477128رب اغفر لي ولوالدي ولمن دخل بيتي مؤمنا وللمؤمنين والمؤمنات ولا تزد الظالمين إلا تبارا
"ऐ मेरे रब! मुझे क्षमा कर दे और मेरे माँ-बाप को भी और हर उस व्यक्ति को भी जो मेरे घर में ईमानवाला बन कर दाख़िल हुआ और (सामान्य) ईमानवाले पुरुषों और ईमानवाली स्त्रियों को भी (क्षमा कर दे), और ज़ालिमों के विनाश को ही बढ़ा।"
5448721بسم الله الرحمن الرحيم قل أوحي إلي أنه استمع نفر من الجن فقالوا إنا سمعنا قرآنا عجبا
कह दो, "मेरी ओर प्रकाशना की गई है कि जिन्नों के एक गिरोह ने सुना, फिर उन्होंने कहा कि हमने एक मनभाता क़ुरआन सुना,
5449722يهدي إلى الرشد فآمنا به ولن نشرك بربنا أحدا
"जो भलाई और सूझ-बूझ का मार्ग दिखाता है, अतः हम उसपर ईमान ले आए, और अब हम कदापि किसी को अपने रब का साझी नहीं ठहराएँगे


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