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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5434 | 71 | 15 | ألم تروا كيف خلق الله سبع سماوات طباقا |
| | | क्या तुमने ग़ौर नहीं किया कि ख़ुदा ने सात आसमान ऊपर तलें क्यों कर बनाए |
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5435 | 71 | 16 | وجعل القمر فيهن نورا وجعل الشمس سراجا |
| | | और उसी ने उसमें चाँद को नूर बनाया और सूरज को रौशन चिराग़ बना दिया |
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5436 | 71 | 17 | والله أنبتكم من الأرض نباتا |
| | | और ख़ुदा ही तुमको ज़मीन से पैदा किया |
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5437 | 71 | 18 | ثم يعيدكم فيها ويخرجكم إخراجا |
| | | फिर तुमको उसी में दोबारा ले जाएगा और (क़यामत में उसी से) निकाल कर खड़ा करेगा |
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5438 | 71 | 19 | والله جعل لكم الأرض بساطا |
| | | और ख़ुदा ही ने ज़मीन को तुम्हारे लिए फ़र्श बनाया |
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5439 | 71 | 20 | لتسلكوا منها سبلا فجاجا |
| | | ताकि तुम उसके बड़े बड़े कुशादा रास्तों में चलो फिरो |
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5440 | 71 | 21 | قال نوح رب إنهم عصوني واتبعوا من لم يزده ماله وولده إلا خسارا |
| | | (फिर) नूह ने अर्ज़ की परवरदिगार इन लोगों ने मेरी नाफ़रमानी की उस शख़्श के ताबेदार बन के जिसने उनके माल और औलाद में नुक़सान के सिवा फ़ायदा न पहुँचाया |
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5441 | 71 | 22 | ومكروا مكرا كبارا |
| | | और उन्होंने (मेरे साथ) बड़ी मक्कारियाँ की |
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5442 | 71 | 23 | وقالوا لا تذرن آلهتكم ولا تذرن ودا ولا سواعا ولا يغوث ويعوق ونسرا |
| | | और (उलटे) कहने लगे कि आपने माबूदों को हरगिज़ न छोड़ना और न वद को और सुआ को और न यगूस और यऊक़ व नस्र को छोड़ना |
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5443 | 71 | 24 | وقد أضلوا كثيرا ولا تزد الظالمين إلا ضلالا |
| | | और उन्होंने बहुतेरों को गुमराह कर छोड़ा और तू (उन) ज़ालिमों की गुमराही को और बढ़ा दे |
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