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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5412 | 70 | 37 | عن اليمين وعن الشمال عزين |
| | | दाएँ और बाएँ से गिरोह के गिरोह |
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5413 | 70 | 38 | أيطمع كل امرئ منهم أن يدخل جنة نعيم |
| | | क्या उनमें से प्रत्येक व्यक्ति इसकी लालसा रखता है कि वह अनुकम्पा से परिपूर्ण जन्नत में प्रविष्ट हो? |
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5414 | 70 | 39 | كلا إنا خلقناهم مما يعلمون |
| | | कदापि नहीं, हमने उन्हें उस चीज़ से पैदा किया है, जिसे वे भली-भाँति जानते है |
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5415 | 70 | 40 | فلا أقسم برب المشارق والمغارب إنا لقادرون |
| | | अतः कुछ नहीं, मैं क़सम खाता हूँ पूर्वों और पश्चिमों के रब की, हमे इसकी सामर्थ्य प्राप्त है |
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5416 | 70 | 41 | على أن نبدل خيرا منهم وما نحن بمسبوقين |
| | | कि उनकी उनसे अच्छे ले आएँ और हम पिछड़ जानेवाले नहीं है |
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5417 | 70 | 42 | فذرهم يخوضوا ويلعبوا حتى يلاقوا يومهم الذي يوعدون |
| | | अतः उन्हें छोड़ो कि वे व्यर्थ बातों में पड़े रहें और खेलते रहे, यहाँ तक कि वे अपने उस दिन से मिलें, जिसका उनसे वादा किया जा रहा है, |
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5418 | 70 | 43 | يوم يخرجون من الأجداث سراعا كأنهم إلى نصب يوفضون |
| | | जिस दिन वे क़ब्रों से तेज़ी के साथ निकलेंगे जैसे किसी निशान की ओर दौड़े जा रहे है, |
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5419 | 70 | 44 | خاشعة أبصارهم ترهقهم ذلة ذلك اليوم الذي كانوا يوعدون |
| | | उनकी निगाहें झुकी होंगी, ज़िल्लत उनपर छा रही होगी। यह है वह दिन जिससे वह डराए जाते रहे है |
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5420 | 71 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم إنا أرسلنا نوحا إلى قومه أن أنذر قومك من قبل أن يأتيهم عذاب أليم |
| | | हमने नूह को उसकी कौ़म की ओर भेजा कि "अपनी क़ौम के लोगों को सावधान कर दो, इससे पहले कि उनपर कोई दुखद यातना आ जाए।" |
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5421 | 71 | 2 | قال يا قوم إني لكم نذير مبين |
| | | उसने कहा, "ऐ मेरी क़ौम के लोगो! मैं तुम्हारे लिए एक स्पष्ट सचेतकर्ता हूँ |
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