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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5356 | 69 | 33 | إنه كان لا يؤمن بالله العظيم |
| | | (क्यों कि) ये न तो बुज़ुर्ग ख़ुदा ही पर ईमान लाता था और न मोहताज के खिलाने पर आमादा (लोगों को) करता था |
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5357 | 69 | 34 | ولا يحض على طعام المسكين |
| | | तो आज न उसका कोई ग़मख्वार है |
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5358 | 69 | 35 | فليس له اليوم هاهنا حميم |
| | | और न पीप के सिवा (उसके लिए) कुछ खाना है |
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5359 | 69 | 36 | ولا طعام إلا من غسلين |
| | | जिसको गुनेहगारों के सिवा कोई नहीं खाएगा |
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5360 | 69 | 37 | لا يأكله إلا الخاطئون |
| | | तो मुझे उन चीज़ों की क़सम है |
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5361 | 69 | 38 | فلا أقسم بما تبصرون |
| | | जो तुम्हें दिखाई देती हैं |
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5362 | 69 | 39 | وما لا تبصرون |
| | | और जो तुम्हें नहीं सुझाई देती कि बेशक ये (क़ुरान) |
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5363 | 69 | 40 | إنه لقول رسول كريم |
| | | एक मोअज़िज़ फरिश्ते का लाया हुआ पैग़ाम है |
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5364 | 69 | 41 | وما هو بقول شاعر قليلا ما تؤمنون |
| | | और ये किसी शायर की तुक बन्दी नहीं तुम लोग तो बहुत कम ईमान लाते हो |
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5365 | 69 | 42 | ولا بقول كاهن قليلا ما تذكرون |
| | | और न किसी काहिन की (ख्याली) बात है तुम लोग तो बहुत कम ग़ौर करते हो |
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