نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5354 | 69 | 31 | ثم الجحيم صلوه |
| | | "फिर उसे भड़कती हुई आग में झोंक दो, |
|
5355 | 69 | 32 | ثم في سلسلة ذرعها سبعون ذراعا فاسلكوه |
| | | "फिर उसे एक ऐसी जंजीर में जकड़ दो जिसकी माप सत्तर हाथ है |
|
5356 | 69 | 33 | إنه كان لا يؤمن بالله العظيم |
| | | "वह न तो महिमावान अल्लाह पर ईमान रखता था |
|
5357 | 69 | 34 | ولا يحض على طعام المسكين |
| | | और न मुहताज को खाना खिलाने पर उभारता था |
|
5358 | 69 | 35 | فليس له اليوم هاهنا حميم |
| | | "अतः आज उसका यहाँ कोई घनिष्ट मित्र नहीं, |
|
5359 | 69 | 36 | ولا طعام إلا من غسلين |
| | | और न ही धोवन के सिवा कोई भोजन है, |
|
5360 | 69 | 37 | لا يأكله إلا الخاطئون |
| | | "उसे ख़ताकारों (अपराधियों) के अतिरिक्त कोई नहीं खाता।" |
|
5361 | 69 | 38 | فلا أقسم بما تبصرون |
| | | अतः कुछ नहीं! मैं क़सम खाता हूँ उन चीज़ों की जो तुम देखते |
|
5362 | 69 | 39 | وما لا تبصرون |
| | | हो और उन चीज़ों को भी जो तुम नहीं देखते, |
|
5363 | 69 | 40 | إنه لقول رسول كريم |
| | | निश्चय ही वह एक प्रतिष्ठित रसूल की लाई हुई वाणी है |
|