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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5336 | 69 | 13 | فإذا نفخ في الصور نفخة واحدة |
| | | फिर जब सूर में एक (बार) फूँक मार दी जाएगी |
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5337 | 69 | 14 | وحملت الأرض والجبال فدكتا دكة واحدة |
| | | और ज़मीन और पहाड़ उठाकर एक बारगी (टकरा कर) रेज़ा रेज़ा कर दिए जाएँगे तो उस रोज़ क़यामत आ ही जाएगी |
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5338 | 69 | 15 | فيومئذ وقعت الواقعة |
| | | और आसमान फट जाएगा |
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5339 | 69 | 16 | وانشقت السماء فهي يومئذ واهية |
| | | तो वह उस दिन बहुत फुस फुसा होगा और फ़रिश्ते उनके किनारे पर होंगे |
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5340 | 69 | 17 | والملك على أرجائها ويحمل عرش ربك فوقهم يومئذ ثمانية |
| | | और तुम्हारे परवरदिगार के अर्श को उस दिन आठ फ़रिश्ते अपने सरों पर उठाए होंगे |
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5341 | 69 | 18 | يومئذ تعرضون لا تخفى منكم خافية |
| | | उस दिन तुम सब के सब (ख़ुदा के सामने) पेश किए जाओगे और तुम्हारी कोई पोशीदा बात छुपी न रहेगी |
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5342 | 69 | 19 | فأما من أوتي كتابه بيمينه فيقول هاؤم اقرءوا كتابيه |
| | | तो जिसको (उसका नामए आमाल) दाहिने हाथ में दिया जाएगा तो वह (लोगो से) कहेगा लीजिए मेरा नामए आमाल पढ़िए |
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5343 | 69 | 20 | إني ظننت أني ملاق حسابيه |
| | | तो मैं तो जानता था कि मुझे मेरा हिसाब (किताब) ज़रूर मिलेगा |
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5344 | 69 | 21 | فهو في عيشة راضية |
| | | फिर वह दिल पसन्द ऐश में होगा |
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5345 | 69 | 22 | في جنة عالية |
| | | बड़े आलीशान बाग़ में |
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