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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5312 | 68 | 41 | أم لهم شركاء فليأتوا بشركائهم إن كانوا صادقين |
| | | या (इस बाब में) उनके और लोग भी शरीक हैं तो अगर ये लोग सच्चे हैं तो अपने शरीकों को सामने लाएँ |
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5313 | 68 | 42 | يوم يكشف عن ساق ويدعون إلى السجود فلا يستطيعون |
| | | जिस दिन पिंडली खोल दी जाए और (काफ़िर) लोग सजदे के लिए बुलाए जाएँगे तो (सजदा) न कर सकेंगे |
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5314 | 68 | 43 | خاشعة أبصارهم ترهقهم ذلة وقد كانوا يدعون إلى السجود وهم سالمون |
| | | उनकी ऑंखें झुकी हुई होंगी रूसवाई उन पर छाई होगी और (दुनिया में) ये लोग सजदे के लिए बुलाए जाते और हटटे कटटे तन्दरूस्त थे |
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5315 | 68 | 44 | فذرني ومن يكذب بهذا الحديث سنستدرجهم من حيث لا يعلمون |
| | | तो मुझे उस कलाम के झुठलाने वाले से समझ लेने दो हम उनको आहिस्ता आहिस्ता इस तरह पकड़ लेंगे कि उनको ख़बर भी न होगी |
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5316 | 68 | 45 | وأملي لهم إن كيدي متين |
| | | और मैं उनको मोहलत दिये जाता हूँ बेशक मेरी तदबीर मज़बूत है |
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5317 | 68 | 46 | أم تسألهم أجرا فهم من مغرم مثقلون |
| | | (ऐ रसूल) क्या तुम उनसे (तबलीग़े रिसालत का) कुछ सिला माँगते हो कि उन पर तावान का बोझ पड़ रहा है |
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5318 | 68 | 47 | أم عندهم الغيب فهم يكتبون |
| | | या उनके इस ग़ैब (की ख़बर) है कि ये लोग लिख लिया करते हैं |
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5319 | 68 | 48 | فاصبر لحكم ربك ولا تكن كصاحب الحوت إذ نادى وهو مكظوم |
| | | तो तुम अपने परवरदिगार के हुक्म के इन्तेज़ार में सब्र करो और मछली (का निवाला होने) वाले (यूनुस) के ऐसे न हो जाओ कि जब वह ग़ुस्से में भरे हुए थे और अपने परवरदिगार को पुकारा |
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5320 | 68 | 49 | لولا أن تداركه نعمة من ربه لنبذ بالعراء وهو مذموم |
| | | अगर तुम्हारे परवरदिगार की मेहरबानी उनकी यावरी न करती तो चटियल मैदान में डाल दिए जाते और उनका बुरा हाल होता |
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5321 | 68 | 50 | فاجتباه ربه فجعله من الصالحين |
| | | तो उनके परवरदिगार ने उनको बरगुज़ीदा करके नेकोकारों से बना दिया |
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