بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
52526711فاعترفوا بذنبهم فسحقا لأصحاب السعير
इस प्रकार वे अपने गुनाहों को स्वीकार करेंगे, तो धिक्कार हो दहकती आगवालों पर!
52536712إن الذين يخشون ربهم بالغيب لهم مغفرة وأجر كبير
जो लोग परोक्ष में रहते हुए अपने रब से डरते है, उनके लिए क्षमा और बड़ा बदला है
52546713وأسروا قولكم أو اجهروا به إنه عليم بذات الصدور
तुम अपनी बात छिपाओ या उसे व्यक्त करो, वह तो सीनों में छिपी बातों तक को जानता है
52556714ألا يعلم من خلق وهو اللطيف الخبير
क्या वह नहीं जानेगा जिसने पैदा किया? वह सूक्ष्मदर्शी, ख़बर रखनेवाला है
52566715هو الذي جعل لكم الأرض ذلولا فامشوا في مناكبها وكلوا من رزقه وإليه النشور
वही तो है जिसने तुम्हारे लिए धरती को वशीभूत किया। अतः तुम उसके (धरती के) कन्धों पर चलो और उसकी रोज़ी में से खाओ, उसी की ओर दोबारा उठकर (जीवित होकर) जाना है
52576716أأمنتم من في السماء أن يخسف بكم الأرض فإذا هي تمور
क्या तुम उससे निश्चिन्त हो जो आकाश में है कि तुम्हें धरती में धँसा दे, फिर क्या देखोगे कि वह डाँवाडोल हो रही है?
52586717أم أمنتم من في السماء أن يرسل عليكم حاصبا فستعلمون كيف نذير
या तुम उससे निश्चिन्त हो जो आकाश में है कि वह तुमपर पथराव करनेवाली वायु भेज दे? फिर तुम जान लोगे कि मेरी चेतावनी कैसी होती है
52596718ولقد كذب الذين من قبلهم فكيف كان نكير
उन लोगों ने भी झुठलाया जो उनसे पहले थे, फिर कैसा रहा मेरा इनकार!
52606719أولم يروا إلى الطير فوقهم صافات ويقبضن ما يمسكهن إلا الرحمن إنه بكل شيء بصير
क्या उन्होंने अपने ऊपर पक्षियों को पंक्तबन्द्ध पंख फैलाए और उन्हें समेटते नहीं देखा? उन्हें रहमान के सिवा कोई और नहीं थामें रहता। निश्चय ही वह हर चीज़ को देखता है
52616720أمن هذا الذي هو جند لكم ينصركم من دون الرحمن إن الكافرون إلا في غرور
या वह कौन है जो तुम्हारी सेना बनकर रहमान के मुक़ाबले में तुम्हारी सहायता करे। इनकार करनेवाले तो बस धोखे में पड़े हुए है


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