بسم الله الرحمن الرحيم

نتائج البحث: 6236
ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
52416612ومريم ابنت عمران التي أحصنت فرجها فنفخنا فيه من روحنا وصدقت بكلمات ربها وكتبه وكانت من القانتين
और (दूसरी मिसाल) इमरान की बेटी मरियम जिसने अपनी शर्मगाह को महफूज़ रखा तो हमने उसमें रूह फूंक दी और उसने अपने परवरदिगार की बातों और उसकी किताबों की तस्दीक़ की और फरमाबरदारों में थी
5242671بسم الله الرحمن الرحيم تبارك الذي بيده الملك وهو على كل شيء قدير
जिस (ख़ुदा) के कब्ज़े में (सारे जहाँन की) बादशाहत है वह बड़ी बरकत वाला है और वह हर चीज़ पर कादिर है
5243672الذي خلق الموت والحياة ليبلوكم أيكم أحسن عملا وهو العزيز الغفور
जिसने मौत और ज़िन्दगी को पैदा किया ताकि तुम्हें आज़माए कि तुममें से काम में सबसे अच्छा कौन है और वह ग़ालिब (और) बड़ा बख्शने वाला है
5244673الذي خلق سبع سماوات طباقا ما ترى في خلق الرحمن من تفاوت فارجع البصر هل ترى من فطور
जिसने सात आसमान तले ऊपर बना डाले भला तुझे ख़ुदा की आफ़रिनश में कोई कसर नज़र आती है तो फिर ऑंख उठाकर देख भला तुझे कोई शिग़ाफ़ नज़र आता है
5245674ثم ارجع البصر كرتين ينقلب إليك البصر خاسئا وهو حسير
फिर दुबारा ऑंख उठा कर देखो तो (हर बार तेरी) नज़र नाकाम और थक कर तेरी तरफ पलट आएगी
5246675ولقد زينا السماء الدنيا بمصابيح وجعلناها رجوما للشياطين وأعتدنا لهم عذاب السعير
और हमने नीचे वाले (पहले) आसमान को (तारों के) चिराग़ों से ज़ीनत दी है और हमने उनको शैतानों के मारने का आला बनाया और हमने उनके लिए दहकती हुई आग का अज़ाब तैयार कर रखा है
5247676وللذين كفروا بربهم عذاب جهنم وبئس المصير
और जो लोग अपने परवरदिगार के मुनकिर हैं उनके लिए जहन्नुम का अज़ाब है और वह (बहुत) बुरा ठिकाना है
5248677إذا ألقوا فيها سمعوا لها شهيقا وهي تفور
जब ये लोग इसमें डाले जाएँगे तो उसकी बड़ी चीख़ सुनेंगे और वह जोश मार रही होगी
5249678تكاد تميز من الغيظ كلما ألقي فيها فوج سألهم خزنتها ألم يأتكم نذير
बल्कि गोया मारे जोश के फट पड़ेगी जब उसमें (उनका) कोई गिरोह डाला जाएगा तो उनसे दारोग़ए जहन्नुम पूछेगा क्या तुम्हारे पास कोई डराने वाला पैग़म्बर नहीं आया था
5250679قالوا بلى قد جاءنا نذير فكذبنا وقلنا ما نزل الله من شيء إن أنتم إلا في ضلال كبير
वह कहेंगे हॉ हमारे पास डराने वाला तो ज़रूर आया था मगर हमने उसको झुठला दिया और कहा कि ख़ुदा ने तो कुछ नाज़िल ही नहीं किया तुम तो बड़ी (गहरी) गुमराही में (पड़े) हो


0 ... 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 525 526 527 528 529 530 531 532 533 ... 623

إنتاج هذه المادة أخد: 0.02 ثانية


المغرب.كووم © ٢٠٠٩ - ١٤٣٠ © الحـمـد لله الـذي سـخـر لـنا هـذا :: وقف لله تعالى وصدقة جارية

296743972748415714022455606461912551947