بسم الله الرحمن الرحيم

نتائج البحث: 6236
ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
5231662قد فرض الله لكم تحلة أيمانكم والله مولاكم وهو العليم الحكيم
ख़ुदा ने तुम लोगों के लिए क़समों को तोड़ डालने का कफ्फ़ार मुक़र्रर कर दिया है और ख़ुदा ही तुम्हारा कारसाज़ है और वही वाक़िफ़कार हिकमत वाला है
5232663وإذ أسر النبي إلى بعض أزواجه حديثا فلما نبأت به وأظهره الله عليه عرف بعضه وأعرض عن بعض فلما نبأها به قالت من أنبأك هذا قال نبأني العليم الخبير
और जब पैग़म्बर ने अपनी बाज़ बीवी (हफ़सा) से चुपके से कोई बात कही फिर जब उसने (बावजूद मुमानियत) उस बात की (आयशा को) ख़बर दे दी और ख़ुदा ने इस अम्र को रसूल पर ज़ाहिर कर दिया तो रसूल ने (आयशा को) बाज़ बात (किस्सा मारिया) जता दी और बाज़ बात (किस्साए यहद) टाल दी ग़रज़ जब रसूल ने इस वाक़िये (हफ़सा के अफ़शाए राज़) कि उस (आयशा) को ख़बर दी तो हैरत से बोल उठीं आपको इस बात (अफ़शाए राज़) की किसने ख़बर दी रसूल ने कहा मुझे बड़े वाक़िफ़कार ख़बरदार (ख़ुदा) ने बता दिया
5233664إن تتوبا إلى الله فقد صغت قلوبكما وإن تظاهرا عليه فإن الله هو مولاه وجبريل وصالح المؤمنين والملائكة بعد ذلك ظهير
(तो ऐ हफ़सा व आयशा) अगर तुम दोनों (इस हरकत से) तौबा करो तो ख़ैर क्योंकि तुम दोनों के दिल टेढ़े हैं और अगर तुम दोनों रसूल की मुख़ालेफ़त में एक दूसरे की अयानत करती रहोगी तो कुछ परवा नहीं (क्यों कि) ख़ुदा और जिबरील और तमाम ईमानदारों में नेक शख़्श उनके मददगार हैं और उनके अलावा कुल फरिश्ते मददगार हैं
5234665عسى ربه إن طلقكن أن يبدله أزواجا خيرا منكن مسلمات مؤمنات قانتات تائبات عابدات سائحات ثيبات وأبكارا
अगर रसूल तुम लोगों को तलाक़ दे दे तो अनक़रीब ही उनका परवरदिगार तुम्हारे बदले उनको तुमसे अच्छी बीवियाँ अता करे जो फ़रमाबरदार ईमानदार ख़ुदा रसूल की मुतीय (गुनाहों से) तौबा करने वालियाँ इबादत गुज़ार रोज़ा रखने वालियाँ ब्याही हुई
5235666يا أيها الذين آمنوا قوا أنفسكم وأهليكم نارا وقودها الناس والحجارة عليها ملائكة غلاظ شداد لا يعصون الله ما أمرهم ويفعلون ما يؤمرون
और बिन ब्याही कुंवारियाँ हो ऐ ईमानदारों अपने आपको और अपने लड़के बालों को (जहन्नुम की) आग से बचाओ जिसके इंधन आदमी और पत्थर होंगे उन पर वह तन्दख़ू सख्त मिजाज़ फ़रिश्ते (मुक़र्रर) हैं कि ख़ुदा जिस बात का हुक्म देता है उसकी नाफरमानी नहीं करते और जो हुक्म उन्हें मिलता है उसे बजा लाते हैं
5236667يا أيها الذين كفروا لا تعتذروا اليوم إنما تجزون ما كنتم تعملون
(जब कुफ्फ़ार दोज़ख़ के सामने आएँगे तो कहा जाएगा) काफ़िरों आज बहाने न ढूँढो जो कुछ तुम करते थे तुम्हें उसकी सज़ा दी जाएगी
5237668يا أيها الذين آمنوا توبوا إلى الله توبة نصوحا عسى ربكم أن يكفر عنكم سيئاتكم ويدخلكم جنات تجري من تحتها الأنهار يوم لا يخزي الله النبي والذين آمنوا معه نورهم يسعى بين أيديهم وبأيمانهم يقولون ربنا أتمم لنا نورنا واغفر لنا إنك على كل شيء قدير
ऐ ईमानदारों ख़ुदा की बारगाह में साफ़ ख़ालिस दिल से तौबा करो तो (उसकी वजह से) उम्मीद है कि तुम्हारा परवरदिगार तुमसे तुम्हारे गुनाह दूर कर दे और तुमको (बेहिश्त के) उन बाग़ों में दाखिल करे जिनके नीचे नहरें जारी हैं उस दिन जब ख़ुदा रसूल को और उन लोगों को जो उनके साथ ईमान लाए हैं रूसवा नहीं करेगा (बल्कि) उनका नूर उनके आगे आगे और उनके दाहिने तरफ़ (रौशनी करता) चल रहा होगा और ये लोग ये दुआ करते होंगे परवरदिगार हमारे लिए हमारा नूर पूरा कर और हमें बख्य दे बेशक तू हर चीज़ पर कादिर है
5238669يا أيها النبي جاهد الكفار والمنافقين واغلظ عليهم ومأواهم جهنم وبئس المصير
ऐ रसूल काफ़िरों और मुनाफ़िकों से जेहाद करो और उन पर सख्ती करो और उनका ठिकाना जहन्नुम है और वह क्या बुरा ठिकाना है
52396610ضرب الله مثلا للذين كفروا امرأت نوح وامرأت لوط كانتا تحت عبدين من عبادنا صالحين فخانتاهما فلم يغنيا عنهما من الله شيئا وقيل ادخلا النار مع الداخلين
ख़ुदा ने काफिरों (की इबरत) के वास्ते नूह की बीवी (वाएला) और लूत की बीवी (वाहेला) की मसल बयान की है कि ये दोनो हमारे बन्दों के तसर्रुफ़ थीं तो दोनों ने अपने शौहरों से दगा की तो उनके शौहर ख़ुदा के मुक़ाबले में उनके कुछ भी काम न आए और उनको हुक्म दिया गया कि और जाने वालों के साथ जहन्नुम में तुम दोनों भी दाखिल हो जाओ
52406611وضرب الله مثلا للذين آمنوا امرأت فرعون إذ قالت رب ابن لي عندك بيتا في الجنة ونجني من فرعون وعمله ونجني من القوم الظالمين
और ख़ुदा ने मोमिनीन (की तसल्ली) के लिए फिरऔन की बीवी (आसिया) की मिसाल बयान फ़रमायी है कि जब उसने दुआ की परवरदिगार मेरे लिए अपने यहाँ बेहिश्त में एक घर बना और मुझे फिरऔन और उसकी कारस्तानी से नजात दे और मुझे ज़ालिम लोगो (के हाथ) से छुटकारा अता फ़रमा


0 ... 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 524 525 526 527 528 529 530 531 532 ... 623

إنتاج هذه المادة أخد: 0.03 ثانية


المغرب.كووم © ٢٠٠٩ - ١٤٣٠ © الحـمـد لله الـذي سـخـر لـنا هـذا :: وقف لله تعالى وصدقة جارية

420210092801588336319442010199316024522