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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5221 | 65 | 4 | واللائي يئسن من المحيض من نسائكم إن ارتبتم فعدتهن ثلاثة أشهر واللائي لم يحضن وأولات الأحمال أجلهن أن يضعن حملهن ومن يتق الله يجعل له من أمره يسرا |
| | | और जो औरतें हैज़ से मायूस हो चुकी अगर तुम को उनके इद्दे में शक़ होवे तो उनका इद्दा तीन महीने है और (अला हाज़ल क़यास) वह औरतें जिनको हैज़ हुआ ही नहीं और हामेला औरतों का इद्दा उनका बच्चा जनना है और जो ख़ुदा से डरता है ख़ुदा उसके काम मे सहूलित पैदा करेगा |
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5222 | 65 | 5 | ذلك أمر الله أنزله إليكم ومن يتق الله يكفر عنه سيئاته ويعظم له أجرا |
| | | ये ख़ुदा का हुक्म है जो ख़ुदा ने तुम पर नाज़िल किया है और जो ख़ुदा डरता रहेगा तो वह उसके गुनाह उससे दूर कर देगा और उसे बड़ा दरजा देगा |
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5223 | 65 | 6 | أسكنوهن من حيث سكنتم من وجدكم ولا تضاروهن لتضيقوا عليهن وإن كن أولات حمل فأنفقوا عليهن حتى يضعن حملهن فإن أرضعن لكم فآتوهن أجورهن وأتمروا بينكم بمعروف وإن تعاسرتم فسترضع له أخرى |
| | | मुतलक़ा औरतों को (इद्दे तक) अपने मक़दूर मुताबिक दे रखो जहाँ तुम ख़ुद रहते हो और उनको तंग करने के लिए उनको तकलीफ न पहुँचाओ और अगर वह हामेला हो तो बच्चा जनने तक उनका खर्च देते रहो फिर (जनने के बाद) अगर वह बच्चे को तुम्हारी ख़ातिर दूध पिलाए तो उन्हें उनकी (मुनासिब) उजरत दे दो और बाहम सलाहियत से दस्तूर के मुताबिक बात चीत करो और अगर तुम बाहम कश म कश करो तो बच्चे को उसके (बाप की) ख़ातिर से कोई और औरत दूध पिला देगी |
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5224 | 65 | 7 | لينفق ذو سعة من سعته ومن قدر عليه رزقه فلينفق مما آتاه الله لا يكلف الله نفسا إلا ما آتاها سيجعل الله بعد عسر يسرا |
| | | गुन्जाइश वाले को अपनी गुन्जाइश के मुताबिक़ ख़र्च करना चाहिए और जिसकी रोज़ी तंग हो वह जितना ख़ुदा ने उसे दिया है उसमें से खर्च करे ख़ुदा ने जिसको जितना दिया है बस उसी के मुताबिक़ तकलीफ़ दिया करता है ख़ुदा अनकरीब ही तंगी के बाद फ़राख़ी अता करेगा |
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5225 | 65 | 8 | وكأين من قرية عتت عن أمر ربها ورسله فحاسبناها حسابا شديدا وعذبناها عذابا نكرا |
| | | और बहुत सी बस्तियों (वाले) ने अपने परवरदिगार और उसके रसूलों के हुक्म से सरकशी की तो हमने उनका बड़ी सख्ती से हिसाब लिया और उन्हें बुरे अज़ाब की सज़ा दी |
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5226 | 65 | 9 | فذاقت وبال أمرها وكان عاقبة أمرها خسرا |
| | | तो उन्होने अपने काम की सज़ा का मज़ा चख लिया और उनके काम का अन्जाम घाटा ही था |
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5227 | 65 | 10 | أعد الله لهم عذابا شديدا فاتقوا الله يا أولي الألباب الذين آمنوا قد أنزل الله إليكم ذكرا |
| | | ख़ुदा ने उनके लिए सख्त अज़ाब तैयार कर रखा है तो ऐ अक्लमन्दों जो ईमान ला चुके हो ख़ुदा से डरते रहो ख़ुदा ने तुम्हारे पास (अपनी) याद क़ुरान और अपना रसूल भेज दिया है |
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5228 | 65 | 11 | رسولا يتلو عليكم آيات الله مبينات ليخرج الذين آمنوا وعملوا الصالحات من الظلمات إلى النور ومن يؤمن بالله ويعمل صالحا يدخله جنات تجري من تحتها الأنهار خالدين فيها أبدا قد أحسن الله له رزقا |
| | | जो तुम्हारे सामने वाज़ेए आयतें पढ़ता है ताकि जो लोग ईमान लाए और अच्छे अच्छे काम करते रहे उनको (कुफ़्र की) तारिक़ियों से ईमान की रौशनी की तरफ़ निकाल लाए और जो ख़ुदा पर ईमान लाए और अच्छे अच्छे काम करे तो ख़ुदा उसको (बेहिश्त के) उन बाग़ों में दाखिल करेगा जिनके नीचे नहरें जारी हैं और वह उसमें अबादुल आबाद तक रहेंगे ख़ुदा ने उनको अच्छी अच्छी रोज़ी दी है |
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5229 | 65 | 12 | الله الذي خلق سبع سماوات ومن الأرض مثلهن يتنزل الأمر بينهن لتعلموا أن الله على كل شيء قدير وأن الله قد أحاط بكل شيء علما |
| | | ख़ुदा ही तो है जिसने सात आसमान पैदा किए और उन्हीं के बराबर ज़मीन को भी उनमें ख़ुदा का हुक्म नाज़िल होता रहता है - ताकि तुम लोग जान लो कि ख़ुदा हर चीज़ पर कादिर है और बेशक ख़ुदा अपने इल्म से हर चीज़ पर हावी है |
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5230 | 66 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم يا أيها النبي لم تحرم ما أحل الله لك تبتغي مرضات أزواجك والله غفور رحيم |
| | | ऐ रसूल जो चीज़ ख़ुदा ने तुम्हारे लिए हलाल की है तुम उससे अपनी बीवियों की ख़ुशनूदी के लिए क्यों किनारा कशी करो और ख़ुदा तो बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है |
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