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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5214 | 64 | 15 | إنما أموالكم وأولادكم فتنة والله عنده أجر عظيم |
| | | तुम्हारे माल और तुम्हारी औलादे बस आज़माइश है और ख़ुदा के यहाँ तो बड़ा अज्र (मौजूद) है |
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5215 | 64 | 16 | فاتقوا الله ما استطعتم واسمعوا وأطيعوا وأنفقوا خيرا لأنفسكم ومن يوق شح نفسه فأولئك هم المفلحون |
| | | तो जहाँ तक तुम से हो सके ख़ुदा से डरते रहो और (उसके एहकाम) सुनो और मानों और अपनी बेहतरी के वास्ते (उसकी राह में) ख़र्च करो और जो शख़्श अपने नफ्स की हिरस से बचा लिया गया तो ऐसे ही लोग मुरादें पाने वाले हैं |
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5216 | 64 | 17 | إن تقرضوا الله قرضا حسنا يضاعفه لكم ويغفر لكم والله شكور حليم |
| | | अगर तुम ख़ुदा को कर्जे हसना दोगे तो वह उसको तुम्हारे वास्ते दूना कर देगा और तुमको बख्श देगा और ख़ुदा तो बड़ा क़द्रदान व बुर्दबार है |
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5217 | 64 | 18 | عالم الغيب والشهادة العزيز الحكيم |
| | | पोशीदा और ज़ाहिर का जानने वाला ग़ालिब हिकमत वाला है |
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5218 | 65 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم يا أيها النبي إذا طلقتم النساء فطلقوهن لعدتهن وأحصوا العدة واتقوا الله ربكم لا تخرجوهن من بيوتهن ولا يخرجن إلا أن يأتين بفاحشة مبينة وتلك حدود الله ومن يتعد حدود الله فقد ظلم نفسه لا تدري لعل الله يحدث بعد ذلك أمرا |
| | | ऐ रसूल (मुसलमानों से कह दो) जब तुम अपनी बीवियों को तलाक़ दो तो उनकी इद्दत (पाकी) के वक्त तलाक़ दो और इद्दा का शुमार रखो और अपने परवरदिगार ख़ुदा से डरो और (इद्दे के अन्दर) उनके घर से उन्हें न निकालो और वह ख़ुद भी घर से न निकलें मगर जब वह कोई सरीही बेहयाई का काम कर बैठें (तो निकाल देने में मुज़ायका नहीं) और ये ख़ुदा की (मुक़र्रर की हुई) हदें हैं और जो ख़ुदा की हदों से तजाउज़ करेगा तो उसने अपने ऊपर आप ज़ुल्म किया तो तू नहीं जानता यायद ख़ुदा उसके बाद कोई बात पैदा करे (जिससे मर्द पछताए और मेल हो जाए) |
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5219 | 65 | 2 | فإذا بلغن أجلهن فأمسكوهن بمعروف أو فارقوهن بمعروف وأشهدوا ذوي عدل منكم وأقيموا الشهادة لله ذلكم يوعظ به من كان يؤمن بالله واليوم الآخر ومن يتق الله يجعل له مخرجا |
| | | तो जब ये अपना इद्दा पूरा करने के करीब पहुँचे तो या तुम उन्हें उनवाने शाइस्ता से रोक लो या अच्छी तरह रूख़सत ही कर दो और (तलाक़ के वक्त) अपने लोगों में से दो आदिलों को गवाह क़रार दे लो और गवाहों तुम ख़ुदा के वास्ते ठीक ठीक गवाही देना इन बातों से उस शख़्श को नसीहत की जाती है जो ख़ुदा और रोजे अाख़ेरत पर ईमान रखता हो और जो ख़ुदा से डरेगा तो ख़ुदा उसके लिए नजात की सूरत निकाल देगा |
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5220 | 65 | 3 | ويرزقه من حيث لا يحتسب ومن يتوكل على الله فهو حسبه إن الله بالغ أمره قد جعل الله لكل شيء قدرا |
| | | और उसको ऐसी जगह से रिज़क़ देगा जहाँ से वहम भी न हो और जिसने ख़ुदा पर भरोसा किया तो वह उसके लिए काफी है बेशक ख़ुदा अपने काम को पूरा करके रहता है ख़ुदा ने हर चीज़ का एक अन्दाज़ा मुक़र्रर कर रखा है |
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5221 | 65 | 4 | واللائي يئسن من المحيض من نسائكم إن ارتبتم فعدتهن ثلاثة أشهر واللائي لم يحضن وأولات الأحمال أجلهن أن يضعن حملهن ومن يتق الله يجعل له من أمره يسرا |
| | | और जो औरतें हैज़ से मायूस हो चुकी अगर तुम को उनके इद्दे में शक़ होवे तो उनका इद्दा तीन महीने है और (अला हाज़ल क़यास) वह औरतें जिनको हैज़ हुआ ही नहीं और हामेला औरतों का इद्दा उनका बच्चा जनना है और जो ख़ुदा से डरता है ख़ुदा उसके काम मे सहूलित पैदा करेगा |
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5222 | 65 | 5 | ذلك أمر الله أنزله إليكم ومن يتق الله يكفر عنه سيئاته ويعظم له أجرا |
| | | ये ख़ुदा का हुक्म है जो ख़ुदा ने तुम पर नाज़िल किया है और जो ख़ुदा डरता रहेगा तो वह उसके गुनाह उससे दूर कर देगा और उसे बड़ा दरजा देगा |
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5223 | 65 | 6 | أسكنوهن من حيث سكنتم من وجدكم ولا تضاروهن لتضيقوا عليهن وإن كن أولات حمل فأنفقوا عليهن حتى يضعن حملهن فإن أرضعن لكم فآتوهن أجورهن وأتمروا بينكم بمعروف وإن تعاسرتم فسترضع له أخرى |
| | | मुतलक़ा औरतों को (इद्दे तक) अपने मक़दूर मुताबिक दे रखो जहाँ तुम ख़ुद रहते हो और उनको तंग करने के लिए उनको तकलीफ न पहुँचाओ और अगर वह हामेला हो तो बच्चा जनने तक उनका खर्च देते रहो फिर (जनने के बाद) अगर वह बच्चे को तुम्हारी ख़ातिर दूध पिलाए तो उन्हें उनकी (मुनासिब) उजरत दे दो और बाहम सलाहियत से दस्तूर के मुताबिक बात चीत करो और अगर तुम बाहम कश म कश करो तो बच्चे को उसके (बाप की) ख़ातिर से कोई और औरत दूध पिला देगी |
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