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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5179 | 62 | 2 | هو الذي بعث في الأميين رسولا منهم يتلو عليهم آياته ويزكيهم ويعلمهم الكتاب والحكمة وإن كانوا من قبل لفي ضلال مبين |
| | | वही है जिसने उम्मियों में उन्हीं में से एक रसूल उठाया जो उन्हें उसकी आयतें पढ़कर सुनाता है, उन्हें निखारता है और उन्हें किताब और हिकमत (तत्वदर्शिता) की शिक्षा देता है, यद्यपि इससे पहले तो वे खुली हुई गुमराही में पड़े हुए थे, - |
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5180 | 62 | 3 | وآخرين منهم لما يلحقوا بهم وهو العزيز الحكيم |
| | | और उन दूसरे लोगों को भी (किताब और हिकमत की शिक्षा दे) जो अभी उनसे मिले नहीं है, वे उन्हीं में से होंगे। और वही प्रभुत्वशाली, तत्वशाली है |
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5181 | 62 | 4 | ذلك فضل الله يؤتيه من يشاء والله ذو الفضل العظيم |
| | | यह अल्लाह का उदार अनुग्रह है, जिसको चाहता है उसे प्रदान करता है। अल्लाह बड़े अनुग्रह का मालिक है |
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5182 | 62 | 5 | مثل الذين حملوا التوراة ثم لم يحملوها كمثل الحمار يحمل أسفارا بئس مثل القوم الذين كذبوا بآيات الله والله لا يهدي القوم الظالمين |
| | | जिन लोगों पर तारात का बोझ डाला गया, किन्तु उन्होंने उसे न उठाया, उनकी मिसाल उस गधे की-सी है जो किताबे लादे हुए हो। बहुत ही बुरी मिसाल है उन लोगों की जिन्होंने अल्लाह की आयतों को झुठला दिया। अल्लाह ज़ालिमों को सीधा मार्ग नहीं दिखाया करता |
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5183 | 62 | 6 | قل يا أيها الذين هادوا إن زعمتم أنكم أولياء لله من دون الناس فتمنوا الموت إن كنتم صادقين |
| | | कह दो, "ऐ लोगों, जो यहूदी हुए हो! यदि तुम्हें यह गुमान है कि सारे मनुष्यों को छोड़कर तुम ही अल्लाह के प्रेमपात्र हो तो मृत्यु की कामना करो, यदि तुम सच्चे हो।" |
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5184 | 62 | 7 | ولا يتمنونه أبدا بما قدمت أيديهم والله عليم بالظالمين |
| | | किन्तु वे कभी भी उसकी कामना करेंगे, उस (कर्म) के कारण जो उनके हाथों ने आगे भेजा है। अल्लाह ज़ालिमों को भली-भाँति जानता है |
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5185 | 62 | 8 | قل إن الموت الذي تفرون منه فإنه ملاقيكم ثم تردون إلى عالم الغيب والشهادة فينبئكم بما كنتم تعملون |
| | | कह दो, "मृत्यु जिससे तुम भागते हो, वह तो तुम्हें मिलकर रहेगी, फिर तुम उसकी ओर लौटाए जाओगे जो छिपे और खुले का जाननेवाला है। और वह तुम्हें उससे अवगत करा देगा जो कुछ तुम करते रहे होगे।" - |
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5186 | 62 | 9 | يا أيها الذين آمنوا إذا نودي للصلاة من يوم الجمعة فاسعوا إلى ذكر الله وذروا البيع ذلكم خير لكم إن كنتم تعلمون |
| | | ऐ ईमान लानेवालो, जब जुमा के दिन नमाज़ के लिए पुकारा जाए तो अल्लाह की याद की ओर दौड़ पड़ो और क्रय-विक्रय छोड़ दो। यह तुम्हारे लिए अच्छा है, यदि तुम जानो |
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5187 | 62 | 10 | فإذا قضيت الصلاة فانتشروا في الأرض وابتغوا من فضل الله واذكروا الله كثيرا لعلكم تفلحون |
| | | फिर जब नमाज़ पूरी हो जाए तो धरती में फैल जाओ और अल्लाह का उदार अनुग्रह (रोजी) तलाश करो, और अल्लाह को बहुत ज़्यादा याद करते रहो, ताकि तुम सफल हो। - |
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5188 | 62 | 11 | وإذا رأوا تجارة أو لهوا انفضوا إليها وتركوك قائما قل ما عند الله خير من اللهو ومن التجارة والله خير الرازقين |
| | | किन्तु जब वे व्यवहार और खेल-तमाशा देखते है तो उसकी ओर टूट पड़ते है और तुम्हें खड़ा छोड़ देते है। कह दो, "जो कुछ अल्लाह के पास है वह तमाशे और व्यापार से कहीं अच्छा है। और अल्लाह सबसे अच्छा आजीविका प्रदान करनेवाला है।" |
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