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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5168 | 61 | 5 | وإذ قال موسى لقومه يا قوم لم تؤذونني وقد تعلمون أني رسول الله إليكم فلما زاغوا أزاغ الله قلوبهم والله لا يهدي القوم الفاسقين |
| | | और जब मूसा ने अपनी क़ौम से कहा कि भाइयों तुम मुझे क्यों अज़ीयत देते हो हालॉकि तुम तो जानते हो कि मैं तुम्हारे पास ख़ुदा का (भेजा हुआ) रसूल हूँ तो जब वह टेढ़े हुए तो ख़ुदा ने भी उनके दिलों को टेढ़ा ही रहने दिया और ख़ुदा बदकार लोगों को मंज़िले मक़सूद तक नहीं पहुँचाया करता |
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5169 | 61 | 6 | وإذ قال عيسى ابن مريم يا بني إسرائيل إني رسول الله إليكم مصدقا لما بين يدي من التوراة ومبشرا برسول يأتي من بعدي اسمه أحمد فلما جاءهم بالبينات قالوا هذا سحر مبين |
| | | और (याद करो) जब मरियम के बेटे ईसा ने कहा ऐ बनी इसराइल मैं तुम्हारे पास ख़ुदा का भेजा हुआ (आया) हूँ (और जो किताब तौरेत मेरे सामने मौजूद है उसकी तसदीक़ करता हूँ और एक पैग़म्बर जिनका नाम अहमद होगा (और) मेरे बाद आएँगे उनकी ख़ुशख़बरी सुनाता हूँ जो जब वह (पैग़म्बर अहमद) उनके पास वाज़ेए व रौशन मौजिज़े लेकर आया तो कहने लगे ये तो खुला हुआ जादू है |
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5170 | 61 | 7 | ومن أظلم ممن افترى على الله الكذب وهو يدعى إلى الإسلام والله لا يهدي القوم الظالمين |
| | | और जो शख़्श इस्लाम की तरफ बुलाया जाए (और) वह कुबूल के बदले उलटा ख़ुदा पर झूठ (तूफान) जोड़े उससे बढ़ कर ज़ालिम और कौन होगा और ख़ुदा ज़ालिम लोगों को मंज़िले मक़सूद तक नहीं पहुँचाया करता |
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5171 | 61 | 8 | يريدون ليطفئوا نور الله بأفواههم والله متم نوره ولو كره الكافرون |
| | | ये लोग अपने मुँह से (फूँक मारकर) ख़ुदा के नूर को बुझाना चाहते हैं हालॉकि ख़ुदा अपने नूर को पूरा करके रहेगा अगरचे कुफ्फ़ार बुरा ही (क्यों न) मानें |
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5172 | 61 | 9 | هو الذي أرسل رسوله بالهدى ودين الحق ليظهره على الدين كله ولو كره المشركون |
| | | वह वही है जिसने अपने रसूल को हिदायत और सच्चे दीन के साथ भेजा ताकि उसे और तमाम दीनों पर ग़ालिब करे अगरचे मुशरेकीन बुरा ही (क्यों न) माने |
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5173 | 61 | 10 | يا أيها الذين آمنوا هل أدلكم على تجارة تنجيكم من عذاب أليم |
| | | ऐ ईमानदारों क्या मैं नहीं ऐसी तिजारत बता दूँ जो तुमको (आख़ेरत के) दर्दनाक अज़ाब से निजात दे |
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5174 | 61 | 11 | تؤمنون بالله ورسوله وتجاهدون في سبيل الله بأموالكم وأنفسكم ذلكم خير لكم إن كنتم تعلمون |
| | | (वह ये है कि) ख़ुदा और उसके रसूल पर ईमान लाओ और अपने माल व जान से ख़ुदा की राह में जेहाद करो अगर तुम समझो तो यही तुम्हारे हक़ में बेहतर है |
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5175 | 61 | 12 | يغفر لكم ذنوبكم ويدخلكم جنات تجري من تحتها الأنهار ومساكن طيبة في جنات عدن ذلك الفوز العظيم |
| | | (ऐसा करोगे) तो वह भी इसके ऐवज़ में तुम्हारे गुनाह बख्श देगा और तुम्हें उन बाग़ों में दाख़िल करेगा जिनके नीचे नहरें जारी हैं और पाकीजा मकानात में (जगह देगा) जो जावेदानी बेहिश्त में हैं यही तो बड़ी कामयाबी है |
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5176 | 61 | 13 | وأخرى تحبونها نصر من الله وفتح قريب وبشر المؤمنين |
| | | और एक चीज़ जिसके तुम दिल दादा हो (यानि तुमको) ख़ुदा की तरफ से मदद (मिलेगी और अनक़रीब फतेह (होगी) और (ऐ रसूल) मोमिनीन को ख़ुशख़बरी (इसकी) दे दो |
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5177 | 61 | 14 | يا أيها الذين آمنوا كونوا أنصار الله كما قال عيسى ابن مريم للحواريين من أنصاري إلى الله قال الحواريون نحن أنصار الله فآمنت طائفة من بني إسرائيل وكفرت طائفة فأيدنا الذين آمنوا على عدوهم فأصبحوا ظاهرين |
| | | ऐ ईमानदारों ख़ुदा के मददगार बन जाओ जिस तरह मरियम के बेटे ईसा ने हवारियों से कहा था कि (भला) ख़ुदा की तरफ (बुलाने में) मेरे मददगार कौन लोग हैं तो हवारीन बोल उठे थे कि हम ख़ुदा के अनसार हैं तो बनी इसराईल में से एक गिरोह (उन पर) ईमान लाया और एक गिरोह काफिर रहा, तो जो लोग ईमान लाए हमने उनको उनके दुशमनों के मुक़ाबले में मदद दी तो आख़िर वही ग़ालिब रहे |
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