بسم الله الرحمن الرحيم

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5153603لن تنفعكم أرحامكم ولا أولادكم يوم القيامة يفصل بينكم والله بما تعملون بصير
क़यामत के दिन न तुम्हारे रिश्ते नाते ही कुछ काम आएँगे न तुम्हारी औलाद (उस दिन) तो वही फ़ैसला कर देगा और जो कुछ भी तुम करते हो ख़ुदा उसे देख रहा है
5154604قد كانت لكم أسوة حسنة في إبراهيم والذين معه إذ قالوا لقومهم إنا برآء منكم ومما تعبدون من دون الله كفرنا بكم وبدا بيننا وبينكم العداوة والبغضاء أبدا حتى تؤمنوا بالله وحده إلا قول إبراهيم لأبيه لأستغفرن لك وما أملك لك من الله من شيء ربنا عليك توكلنا وإليك أنبنا وإليك المصير
(मुसलमानों) तुम्हारे वास्ते तो इबराहीम और उनके साथियों (के क़ौल व फेल का अच्छा नमूना मौजूद है) कि जब उन्होने अपनी क़ौम से कहा कि हम तुमसे और उन (बुतों) से जिन्हें तुम ख़ुदा के सिवा पूजते हो बेज़ार हैं हम तो तुम्हारे (दीन के) मुनकिर हैं और जब तक तुम यकता ख़ुदा पर ईमान न लाओ हमारे तुम्हारे दरमियान खुल्लम खुल्ला अदावत व दुशमनी क़ायम हो गयी मगर (हाँ) इबराहीम ने अपने (मुँह बोले) बाप से ये (अलबत्ता) कहा कि मैं आपके लिए मग़फ़िरत की दुआ ज़रूर करूँगा और ख़ुदा के सामने तो मैं आपके वास्ते कुछ एख्तेयार नहीं रखता ऐ हमारे पालने वाले (ख़ुदा) हमने तुझी पर भरोसा कर लिया है और तेरी ही तरफ हम रूजू करते हैं
5155605ربنا لا تجعلنا فتنة للذين كفروا واغفر لنا ربنا إنك أنت العزيز الحكيم
और तेरी तरफ हमें लौट कर जाना है ऐ हमारे पालने वाले तू हम लोगों को काफ़िरों की आज़माइश (का ज़रिया) न क़रार दे और परवरदिगार तू हमें बख्श दे बेशक तू ग़ालिब (और) हिकमत वाला है
5156606لقد كان لكم فيهم أسوة حسنة لمن كان يرجو الله واليوم الآخر ومن يتول فإن الله هو الغني الحميد
(मुसलमानों) उन लोगों के (अफ़आल) का तुम्हारे वास्ते जो ख़ुदा और रोज़े आख़ेरत की उम्मीद रखता हो अच्छा नमूना है और जो (इससे) मुँह मोड़े तो ख़ुदा भी यक़ीनन बेपरवा (और) सज़ावारे हम्द है
5157607عسى الله أن يجعل بينكم وبين الذين عاديتم منهم مودة والله قدير والله غفور رحيم
करीब है कि ख़ुदा तुम्हारे और उनमें से तुम्हारे दुश्मनों के दरमियान दोस्ती पैदा कर दे और ख़ुदा तो क़ादिर है और ख़ुदा बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है
5158608لا ينهاكم الله عن الذين لم يقاتلوكم في الدين ولم يخرجوكم من دياركم أن تبروهم وتقسطوا إليهم إن الله يحب المقسطين
जो लोग तुमसे तुम्हारे दीन के बारे में नहीं लड़े भिड़े और न तुम्हें घरों से निकाले उन लोगों के साथ एहसान करने और उनके साथ इन्साफ़ से पेश आने से ख़ुदा तुम्हें मना नहीं करता बेशक ख़ुदा इन्साफ़ करने वालों को दोस्त रखता है
5159609إنما ينهاكم الله عن الذين قاتلوكم في الدين وأخرجوكم من دياركم وظاهروا على إخراجكم أن تولوهم ومن يتولهم فأولئك هم الظالمون
ख़ुदा तो बस उन लोगों के साथ दोस्ती करने से मना करता है जिन्होने तुमसे दीन के बारे में लड़ाई की और तुमको तुम्हारे घरों से निकाल बाहर किया, और तुम्हारे निकालने में (औरों की) मदद की और जो लोग ऐसों से दोस्ती करेंगे वह लोग ज़ालिम हैं
51606010يا أيها الذين آمنوا إذا جاءكم المؤمنات مهاجرات فامتحنوهن الله أعلم بإيمانهن فإن علمتموهن مؤمنات فلا ترجعوهن إلى الكفار لا هن حل لهم ولا هم يحلون لهن وآتوهم ما أنفقوا ولا جناح عليكم أن تنكحوهن إذا آتيتموهن أجورهن ولا تمسكوا بعصم الكوافر واسألوا ما أنفقتم وليسألوا ما أنفقوا ذلكم حكم الله يحكم بينكم والله عليم حكيم
ऐ ईमानदारों जब तुम्हारे पास ईमानदार औरतें वतन छोड़ कर आएँ तो तुम उनको आज़मा लो, ख़ुदा तो उनके ईमान से वाकिफ़ है ही, पस अगर तुम भी उनको ईमानदार समझो तो उन्ही काफ़िरों के पास वापस न फेरो न ये औरतें उनके लिए हलाल हैं और न वह कुफ्फ़ार उन औरतों के लिए हलाल हैं और उन कुफ्फार ने जो कुछ (उन औरतों के मेहर में) ख़र्च किया हो उनको दे दो, और जब उनका महर उन्हें दे दिया करो तो इसका तुम पर कुछ गुनाह नहीं कि तुम उससे निकाह कर लो और काफिर औरतों की आबरू (जो तुम्हारी बीवियाँ हों) अपने कब्ज़े में न रखो (छोड़ दो कि कुफ्फ़ार से जा मिलें) और तुमने जो कुछ (उन पर) ख़र्च किया हो (कुफ्फ़ार से) लो, और उन्होने भी जो कुछ ख़र्च किया हो तुम से माँग लें यही ख़ुदा का हुक्म है जो तुम्हारे दरमियान सादिर करता है और ख़ुदा वाक़िफ़कार हकीम है
51616011وإن فاتكم شيء من أزواجكم إلى الكفار فعاقبتم فآتوا الذين ذهبت أزواجهم مثل ما أنفقوا واتقوا الله الذي أنتم به مؤمنون
और अगर तुम्हारी बीवियों में से कोई औरत तुम्हारे हाथ से निकल कर काफिरों के पास चली जाए और (ख़र्च न मिले) और तुम (उन काफ़िरों से लड़ो और लूटो तो (माले ग़नीमत से) जिनकी औरतें चली गयीं हैं उनको इतना दे दो जितना उनका ख़र्च हुआ है) और जिस ख़ुदा पर तुम लोग ईमान लाए हो उससे डरते रहो
51626012يا أيها النبي إذا جاءك المؤمنات يبايعنك على أن لا يشركن بالله شيئا ولا يسرقن ولا يزنين ولا يقتلن أولادهن ولا يأتين ببهتان يفترينه بين أيديهن وأرجلهن ولا يعصينك في معروف فبايعهن واستغفر لهن الله إن الله غفور رحيم
(ऐ रसूल) जब तुम्हारे पास ईमानदार औरतें तुमसे इस बात पर बैयत करने आएँ कि वह न किसी को ख़ुदा का शरीक बनाएँगी और न चोरी करेंगी और न जेना करेंगी और न अपनी औलाद को मार डालेंगी और न अपने हाथ पाँव के सामने कोई बोहतान (लड़के का शौहर पर) गढ़ के लाएँगी, और न किसी नेक काम में तुम्हारी नाफ़रमानी करेंगी तो तुम उनसे बैयत ले लो और ख़ुदा से उनके मग़फ़िरत की दुआ माँगो बेशक बड़ा ख़ुदा बख्शने वाला मेहरबान है


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