بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
51455919ولا تكونوا كالذين نسوا الله فأنساهم أنفسهم أولئك هم الفاسقون
और उन लोगों की तरह न हो जाना जिन्होंने अल्लाह को भुला दिया। तो उसने भी ऐसा किया कि वे स्वयं अपने आपको भूल बैठे। वही अवज्ञाकारी है
51465920لا يستوي أصحاب النار وأصحاب الجنة أصحاب الجنة هم الفائزون
आगवाले और बाग़वाले (जहन्नमवाले और जन्नतवाले) कभी समान नहीं हो सकते। बाग़वाले ही सफ़ल है
51475921لو أنزلنا هذا القرآن على جبل لرأيته خاشعا متصدعا من خشية الله وتلك الأمثال نضربها للناس لعلهم يتفكرون
यदि हमने इस क़ुरआन को किसी पर्वत पर भी उतार दिया होता तो तुम अवश्य देखते कि अल्लाह के भय से वह दबा हुआ और फटा जाता है। ये मिशालें लोगों के लिए हम इसलिए पेश करते है कि वे सोच-विचार करें
51485922هو الله الذي لا إله إلا هو عالم الغيب والشهادة هو الرحمن الرحيم
वही अल्लाह है जिसके सिवा कोई पूज्य-प्रभु नहीं, परोक्ष और प्रत्यक्ष को जानता है। वह बड़ा कृपाशील, अत्यन्त दयावान है
51495923هو الله الذي لا إله إلا هو الملك القدوس السلام المؤمن المهيمن العزيز الجبار المتكبر سبحان الله عما يشركون
वही अल्लाह है जिसके सिवा कोई पूज्य नहीं। बादशाह है अत्यन्त पवित्र, सर्वथा सलामती, निश्चिन्तता प्रदान करनेवाला, संरक्षक, प्रभुत्वशाली, प्रभावशाली (टुटे हुए को जोड़नेवाला), अपनी बड़ाई प्रकट करनेवाला। महान और उच्च है अल्लाह उस शिर्क से जो वे करते है
51505924هو الله الخالق البارئ المصور له الأسماء الحسنى يسبح له ما في السماوات والأرض وهو العزيز الحكيم
वही अल्लाह है जो संरचना का प्रारूपक है, अस्तित्व प्रदान करनेवाला, रूप देनेवाला है। उसी के लिए अच्छे नाम है। जो चीज़ भी आकाशों और धरती में है, उसी की तसबीह कर रही है। और वह प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी है
5151601بسم الله الرحمن الرحيم يا أيها الذين آمنوا لا تتخذوا عدوي وعدوكم أولياء تلقون إليهم بالمودة وقد كفروا بما جاءكم من الحق يخرجون الرسول وإياكم أن تؤمنوا بالله ربكم إن كنتم خرجتم جهادا في سبيلي وابتغاء مرضاتي تسرون إليهم بالمودة وأنا أعلم بما أخفيتم وما أعلنتم ومن يفعله منكم فقد ضل سواء السبيل
ऐ ईमान लानेवालो! यदि तुम मेरे मार्ग में जिहाद के लिए और मेरी प्रसन्नता की तलाश में निकले हो तो मेरे शत्रुओं और अपने शत्रुओं को मित्र न बनाओ कि उनके प्रति प्रेम दिखाओं, जबकि तुम्हारे पास जो सत्य आया है उसका वे इनकार कर चुके है। वे रसूल को और तुम्हें इसलिए निर्वासित करते है कि तुम अपने रब - अल्लाह पर ईमान लाए हो। तुम गुप्त रूप से उनसे मित्रता की बातें करते हो। हालाँकि मैं भली-भाँति जानता हूँ जो कुछ तुम छिपाते हो और व्यक्त करते हो। और जो कोई भी तुममें से भटक गया
5152602إن يثقفوكم يكونوا لكم أعداء ويبسطوا إليكم أيديهم وألسنتهم بالسوء وودوا لو تكفرون
यदि वे तुम्हें पा जाएँ तो तुम्हारे शत्रु हो जाएँ और कष्ट पहुँचाने के लिए तुमपर हाथ और ज़बान चलाएँ। वे तो चाहते है कि काश! तुम भी इनकार करनेवाले हो जाओ
5153603لن تنفعكم أرحامكم ولا أولادكم يوم القيامة يفصل بينكم والله بما تعملون بصير
क़ियामत के दिन तुम्हारी नातेदारियाँ कदापि तुम्हें लाभ न पहुँचाएँगी और न तुम्हारी सन्तान ही। उस दिन वह (अल्लाह) तुम्हारे बीच जुदाई डाल देगा। जो कुछ भी तुम करते हो अल्लाह उसे देख रहा होता है
5154604قد كانت لكم أسوة حسنة في إبراهيم والذين معه إذ قالوا لقومهم إنا برآء منكم ومما تعبدون من دون الله كفرنا بكم وبدا بيننا وبينكم العداوة والبغضاء أبدا حتى تؤمنوا بالله وحده إلا قول إبراهيم لأبيه لأستغفرن لك وما أملك لك من الله من شيء ربنا عليك توكلنا وإليك أنبنا وإليك المصير
तुम लोगों के लिए इबराहीम में और उन लोगों में जो उसके साथ थे अच्छा आदर्श है, जबकि उन्होंने अपनी क़ौम के लोगों से कह दिया कि "हम तुमसे और अल्लाह से हटकर जिन्हें तुम पूजते हो उनसे विरक्त है। हमने तुम्हारा इनकार किया और हमारे और तुम्हारे बीच सदैव के लिए वैर और विद्वेष प्रकट हो चुका जब तक अकेले अल्लाह पर तुम ईमान न लाओ।" इूबराहीम का अपने बाप से यह कहना अपवाद है कि "मैं आपके लिए क्षमा की प्रार्थना अवश्य करूँगा, यद्यपि अल्लाह के मुक़ाबले में आपके लिए मैं किसी चीज़ पर अधिकार नहीं रखता।" "ऐ हमारे रब! हमने तुझी पर भरोसा किया और तेरी ही ओर रुजू हुए और तेरी ही ओर अन्त में लौटना हैं। -


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