بسم الله الرحمن الرحيم

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5127591بسم الله الرحمن الرحيم سبح لله ما في السماوات وما في الأرض وهو العزيز الحكيم
जो चीज़ आसमानों में है और जो चीज़ ज़मीन में है (सब) ख़ुदा की तस्बीह करती हैं और वही ग़ालिब हिकमत वाला है
5128592هو الذي أخرج الذين كفروا من أهل الكتاب من ديارهم لأول الحشر ما ظننتم أن يخرجوا وظنوا أنهم مانعتهم حصونهم من الله فأتاهم الله من حيث لم يحتسبوا وقذف في قلوبهم الرعب يخربون بيوتهم بأيديهم وأيدي المؤمنين فاعتبروا يا أولي الأبصار
वही तो है जिसने कुफ्फ़ार अहले किताब (बनी नुजैर) को पहले हश्र (ज़िलाए वतन) में उनके घरों से निकाल बाहर किया (मुसलमानों) तुमको तो ये वहम भी न था कि वह निकल जाएँगे और वह लोग ये समझे हुये थे कि उनके क़िले उनको ख़ुदा (के अज़ाब) से बचा लेंगे मगर जहाँ से उनको ख्याल भी न था ख़ुदा ने उनको आ लिया और उनके दिलों में (मुसलमानों) को रौब डाल दिया कि वह लोग ख़ुद अपने हाथों से और मोमिनीन के हाथों से अपने घरों को उजाड़ने लगे तो ऐ ऑंख वालों इबरत हासिल करो
5129593ولولا أن كتب الله عليهم الجلاء لعذبهم في الدنيا ولهم في الآخرة عذاب النار
और ख़ुदा ने उनकी किसमत में ज़िला वतनी न लिखा होता तो उन पर दुनिया में भी (दूसरी तरह) अज़ाब करता और आख़ेरत में तो उन पर जहन्नुम का अज़ाब है ही
5130594ذلك بأنهم شاقوا الله ورسوله ومن يشاق الله فإن الله شديد العقاب
ये इसलिए कि उन लोगों ने ख़ुदा और उसके रसूल की मुख़ालेफ़त की और जिसने ख़ुदा की मुख़ालेफ़त की तो (याद रहे कि) ख़ुदा बड़ा सख्त अज़ाब देने वाला है
5131595ما قطعتم من لينة أو تركتموها قائمة على أصولها فبإذن الله وليخزي الفاسقين
(मोमिनों) खजूर का दरख्त जो तुमने काट डाला या जूँ का तँ से उनकी जड़ों पर खड़ा रहने दिया तो ख़ुदा ही के हुक्म से और मतलब ये था कि वह नाफरमानों को रूसवा करे
5132596وما أفاء الله على رسوله منهم فما أوجفتم عليه من خيل ولا ركاب ولكن الله يسلط رسله على من يشاء والله على كل شيء قدير
(तो) जो माल ख़ुदा ने अपने रसूल को उन लोगों से बे लड़े दिलवा दिया उसमें तुम्हार हक़ नहीं क्योंकि तुमने उसके लिए कुछ दौड़ धूप तो की ही नहीं, न घोड़ों से न ऊँटों से, मगर ख़ुदा अपने पैग़म्बरों को जिस पर चाहता है ग़लबा अता फरमाता है और ख़ुदा हर चीज़ पर क़ादिर है
5133597ما أفاء الله على رسوله من أهل القرى فلله وللرسول ولذي القربى واليتامى والمساكين وابن السبيل كي لا يكون دولة بين الأغنياء منكم وما آتاكم الرسول فخذوه وما نهاكم عنه فانتهوا واتقوا الله إن الله شديد العقاب
तो जो माल ख़ुदा ने अपने रसूल को देहात वालों से बे लड़े दिलवाया है वह ख़ास ख़ुदा और उसके रसूल और (रसूल के) क़राबतदारों और यतीमों और मोहताजों और परदेसियों का है ताकि जो लोग तुममें से दौलतमन्द हैं हिर फिर कर दौलत उन्हीं में न रहे, हाँ जो तुमको रसूल दें दें वह ले लिया करो और जिससे मना करें उससे बाज़ रहो और ख़ुदा से डरते रहो बेशक ख़ुदा सख्त अज़ाब देने वाला है
5134598للفقراء المهاجرين الذين أخرجوا من ديارهم وأموالهم يبتغون فضلا من الله ورضوانا وينصرون الله ورسوله أولئك هم الصادقون
(इस माल में) उन मुफलिस मुहाजिरों का हिस्सा भी है जो अपने घरों से और मालों से निकाले (और अलग किए) गए (और) ख़ुदा के फ़ज़ल व ख़ुशनूदी के तलबगार हैं और ख़ुदा की और उसके रसूल की मदद करते हैं यही लोग सच्चे ईमानदार हैं और (उनका भी हिस्सा है)
5135599والذين تبوءوا الدار والإيمان من قبلهم يحبون من هاجر إليهم ولا يجدون في صدورهم حاجة مما أوتوا ويؤثرون على أنفسهم ولو كان بهم خصاصة ومن يوق شح نفسه فأولئك هم المفلحون
जो लोग मोहाजेरीन से पहले (हिजरत के) घर (मदीना) में मुक़ीम हैं और ईमान में (मुसतक़िल) रहे और जो लोग हिजरत करके उनके पास आए उनसे मोहब्बत करते हैं और जो कुछ उनको मिला उसके लिए अपने दिलों में कुछ ग़रज़ नहीं पाते और अगरचे अपने ऊपर तंगी ही क्यों न हो दूसरों को अपने नफ्स पर तरजीह देते हैं और जो शख़्श अपने नफ्स की हिर्स से बचा लिया गया तो ऐसे ही लोग अपनी दिली मुरादें पाएँगे
51365910والذين جاءوا من بعدهم يقولون ربنا اغفر لنا ولإخواننا الذين سبقونا بالإيمان ولا تجعل في قلوبنا غلا للذين آمنوا ربنا إنك رءوف رحيم
और उनका भी हिस्सा है और जो लोग उन (मोहाजेरीन) के बाद आए (और) दुआ करते हैं कि परवरदिगारा हमारी और उन लोगों की जो हमसे पहले ईमान ला चुके मग़फेरत कर और मोमिनों की तरफ से हमारे दिलों में किसी तरह का कीना न आने दे परवरदिगार बेशक तू बड़ा शफीक़ निहायत रहम वाला है


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