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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5115 | 58 | 11 | يا أيها الذين آمنوا إذا قيل لكم تفسحوا في المجالس فافسحوا يفسح الله لكم وإذا قيل انشزوا فانشزوا يرفع الله الذين آمنوا منكم والذين أوتوا العلم درجات والله بما تعملون خبير |
| | | ऐ ईमान लानेवालो! जब तुमसे कहा जाए कि मजलिसों में जगह कुशादा कर दे, तो कुशादगी पैदा कर दो। अल्लाह तुम्हारे लिए कुशादगी पैदा करेगा। और जब कहा जाए कि उठ जाओ, तो उठ जाया करो। तुममें से जो लोग ईमान लाए है और उन्हें ज्ञान प्रदान किया गया है, अल्लाह उनके दरजों को उच्चता प्रदान करेगा। जो कुछ तुम करते हो अल्लाह उसकी पूरी ख़बर रखता है |
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5116 | 58 | 12 | يا أيها الذين آمنوا إذا ناجيتم الرسول فقدموا بين يدي نجواكم صدقة ذلك خير لكم وأطهر فإن لم تجدوا فإن الله غفور رحيم |
| | | ऐ ईमान लानेवालो! जब तुम रसूल से अकेले में बात करो तो अपनी गुप्त वार्ता से पहले सदक़ा दो। यह तुम्हारे लिए अच्छा और अधिक पवित्र है। फिर यदि तुम अपने को इसमें असमर्थ पाओ, तो निश्चय ही अल्लाह बड़ा क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है |
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5117 | 58 | 13 | أأشفقتم أن تقدموا بين يدي نجواكم صدقات فإذ لم تفعلوا وتاب الله عليكم فأقيموا الصلاة وآتوا الزكاة وأطيعوا الله ورسوله والله خبير بما تعملون |
| | | क्या तुम इससे डर गए कि अपनी गुप्त वार्ता से पहले सदक़े दो? जो जब तुमने यह न किया और अल्लाह ने तुम्हें क्षमा कर दिया. तो नमाज़ क़ायम करो, ज़कात देते रहो और अल्लाह और उसके रसूल की आज्ञा का पालन करो। और तुम जो कुछ भी करते हो अल्लाह उसकी पूरी ख़बर रखता है |
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5118 | 58 | 14 | ألم تر إلى الذين تولوا قوما غضب الله عليهم ما هم منكم ولا منهم ويحلفون على الكذب وهم يعلمون |
| | | क्या तुमने उन लोगों को नहीं देखा जिन्होंने ऐसे लोगों को मित्र बनाया जिनपर अल्लाह का प्रकोप हुआ है? वे न तुममें से है और न उनमें से। और वे जानते-बूझते झूठी बात पर क़सम खाते है |
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5119 | 58 | 15 | أعد الله لهم عذابا شديدا إنهم ساء ما كانوا يعملون |
| | | अल्लाह ने उनके लिए कठोर यातना तैयार कर रखी है। निश्चय ही बुरा है जो वे कर रहे है |
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5120 | 58 | 16 | اتخذوا أيمانهم جنة فصدوا عن سبيل الله فلهم عذاب مهين |
| | | उन्होंने अपनी क़समों को ढाल बना रखा है। अतः वे अल्लाह के मार्ग से (लोगों को) रोकते है। तो उनके लिए रुसवा करनेवाली यातना है |
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5121 | 58 | 17 | لن تغني عنهم أموالهم ولا أولادهم من الله شيئا أولئك أصحاب النار هم فيها خالدون |
| | | अल्लाह से बचाने के लिए न उनके माल उनके कुछ काम आएँगे और न उनकी सन्तान। वे आगवाले हैं। उसी में वे सदैव रहेंगे |
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5122 | 58 | 18 | يوم يبعثهم الله جميعا فيحلفون له كما يحلفون لكم ويحسبون أنهم على شيء ألا إنهم هم الكاذبون |
| | | जिस दिन अल्लाह उन सबको उठाएगा तो वे उसके सामने भी इसी तरह क़समें खाएँगे, जिस तरह तुम्हारे सामने क़समें खाते है और समझते हैं कि वे किसी बुनियाद पर है। सावधान रहो, निश्चय ही वही झूठे है! |
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5123 | 58 | 19 | استحوذ عليهم الشيطان فأنساهم ذكر الله أولئك حزب الشيطان ألا إن حزب الشيطان هم الخاسرون |
| | | उनपर शैतान ने पूरी तरह अपना प्रभाव जमा लिया है। अतः उसने अल्लाह की याद को उनसे भुला दिया। वे शैतान की पार्टीवाले हैं। सावधान रहो शैतान की पार्टीवाले ही घाटे में रहनेवाले हैं! |
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5124 | 58 | 20 | إن الذين يحادون الله ورسوله أولئك في الأذلين |
| | | निश्चय ही जो लोग अल्लाह और उसके रसूल का विरोध करते है वे अत्यन्त अपमानित लोगों में से है |
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