بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
5112588ألم تر إلى الذين نهوا عن النجوى ثم يعودون لما نهوا عنه ويتناجون بالإثم والعدوان ومعصيت الرسول وإذا جاءوك حيوك بما لم يحيك به الله ويقولون في أنفسهم لولا يعذبنا الله بما نقول حسبهم جهنم يصلونها فبئس المصير
क्या तुमने नहीं देखा जिन्हें कानाफूसी से रोका गया था, फिर वे वही करते रहे जिससे उन्हें रोका गया था। वे आपस में गुनाह और ज़्यादती और रसूल की अवज्ञा की कानाफूसी करते है। और जब तुम्हारे पास आते है तो तुम्हारे प्रति अभिवादन के ऐसे शब्द प्रयोग में लाते है जो शब्द अल्लाह ने तुम्हारे लिए अभिवादन के लिए नहीं कहे। और अपने जी में कहते है, "जो कुछ हम कहते है उसपर अल्लाह हमें यातना क्यों नहीं देता?" उनके लिए जहन्नम ही काफ़ी है जिसमें वे प्रविष्ट होंगे। वह तो बहुत बुरी जगह है, अन्त नें पहुँचने की!
5113589يا أيها الذين آمنوا إذا تناجيتم فلا تتناجوا بالإثم والعدوان ومعصيت الرسول وتناجوا بالبر والتقوى واتقوا الله الذي إليه تحشرون
ऐ ईमान लानेवालो! जब तुम आपस में गुप्त॥ वार्ता करो तो गुनाह और ज़्यादती और रसूल की अवज्ञा की गुप्त वार्ता न करो, बल्कि नेकी और परहेज़गारी के विषय में आपस में एकान्त वार्ता करो। और अल्लाह का डर रखो, जिसके पास तुम इकट्ठे होगे
51145810إنما النجوى من الشيطان ليحزن الذين آمنوا وليس بضارهم شيئا إلا بإذن الله وعلى الله فليتوكل المؤمنون
वह कानाफूसी तो केवल शैतान की ओर से है, ताकि वह उन्हें ग़म में डाले जो ईमान लाए है। हालाँकि अल्लाह की अवज्ञा के बिना उसे कुछ भी हानि पहुँचाने की सामर्थ्य प्राप्त नहीं। और ईमानवालों को तो अल्लाह ही पर भरोसा रखना चाहिए
51155811يا أيها الذين آمنوا إذا قيل لكم تفسحوا في المجالس فافسحوا يفسح الله لكم وإذا قيل انشزوا فانشزوا يرفع الله الذين آمنوا منكم والذين أوتوا العلم درجات والله بما تعملون خبير
ऐ ईमान लानेवालो! जब तुमसे कहा जाए कि मजलिसों में जगह कुशादा कर दे, तो कुशादगी पैदा कर दो। अल्लाह तुम्हारे लिए कुशादगी पैदा करेगा। और जब कहा जाए कि उठ जाओ, तो उठ जाया करो। तुममें से जो लोग ईमान लाए है और उन्हें ज्ञान प्रदान किया गया है, अल्लाह उनके दरजों को उच्चता प्रदान करेगा। जो कुछ तुम करते हो अल्लाह उसकी पूरी ख़बर रखता है
51165812يا أيها الذين آمنوا إذا ناجيتم الرسول فقدموا بين يدي نجواكم صدقة ذلك خير لكم وأطهر فإن لم تجدوا فإن الله غفور رحيم
ऐ ईमान लानेवालो! जब तुम रसूल से अकेले में बात करो तो अपनी गुप्त वार्ता से पहले सदक़ा दो। यह तुम्हारे लिए अच्छा और अधिक पवित्र है। फिर यदि तुम अपने को इसमें असमर्थ पाओ, तो निश्चय ही अल्लाह बड़ा क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है
51175813أأشفقتم أن تقدموا بين يدي نجواكم صدقات فإذ لم تفعلوا وتاب الله عليكم فأقيموا الصلاة وآتوا الزكاة وأطيعوا الله ورسوله والله خبير بما تعملون
क्या तुम इससे डर गए कि अपनी गुप्त वार्ता से पहले सदक़े दो? जो जब तुमने यह न किया और अल्लाह ने तुम्हें क्षमा कर दिया. तो नमाज़ क़ायम करो, ज़कात देते रहो और अल्लाह और उसके रसूल की आज्ञा का पालन करो। और तुम जो कुछ भी करते हो अल्लाह उसकी पूरी ख़बर रखता है
51185814ألم تر إلى الذين تولوا قوما غضب الله عليهم ما هم منكم ولا منهم ويحلفون على الكذب وهم يعلمون
क्या तुमने उन लोगों को नहीं देखा जिन्होंने ऐसे लोगों को मित्र बनाया जिनपर अल्लाह का प्रकोप हुआ है? वे न तुममें से है और न उनमें से। और वे जानते-बूझते झूठी बात पर क़सम खाते है
51195815أعد الله لهم عذابا شديدا إنهم ساء ما كانوا يعملون
अल्लाह ने उनके लिए कठोर यातना तैयार कर रखी है। निश्चय ही बुरा है जो वे कर रहे है
51205816اتخذوا أيمانهم جنة فصدوا عن سبيل الله فلهم عذاب مهين
उन्होंने अपनी क़समों को ढाल बना रखा है। अतः वे अल्लाह के मार्ग से (लोगों को) रोकते है। तो उनके लिए रुसवा करनेवाली यातना है
51215817لن تغني عنهم أموالهم ولا أولادهم من الله شيئا أولئك أصحاب النار هم فيها خالدون
अल्लाह से बचाने के लिए न उनके माल उनके कुछ काम आएँगे और न उनकी सन्तान। वे आगवाले हैं। उसी में वे सदैव रहेंगे


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