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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5088 | 57 | 13 | يوم يقول المنافقون والمنافقات للذين آمنوا انظرونا نقتبس من نوركم قيل ارجعوا وراءكم فالتمسوا نورا فضرب بينهم بسور له باب باطنه فيه الرحمة وظاهره من قبله العذاب |
| | | जिस दिन कपटाचारी पुरुष और कपटाचारी स्त्रियाँ मोमिनों से कहेंगी, "तनिक हमारी प्रतिक्षा करो। हम भी तुम्हारे प्रकाश मे से कुछ प्रकाश ले लें!" कहा जाएगा, "अपने पीछे लौट जाओ। फिर प्रकाश तलाश करो!" इतने में उनके बीच एक दीवार खड़ी कर दी जाएगी, जिसमें एक द्वार होगा। उसके भीतर का हाल यह होगा कि उसमें दयालुता होगी और उसके बाहर का यह कि उस ओर से यातना होगी |
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5089 | 57 | 14 | ينادونهم ألم نكن معكم قالوا بلى ولكنكم فتنتم أنفسكم وتربصتم وارتبتم وغرتكم الأماني حتى جاء أمر الله وغركم بالله الغرور |
| | | वे उन्हें पुकारकर कहेंगे, "क्या हम तुम्हारे साथी नहीं थे?" वे कहेंगे, "क्यों नहीं? किन्तु तुमने तो अपने आपको फ़ितने (गुमराही) में डाला और प्रतीक्षा करते रहे और सन्देह में पड़े रहे और कामनाओं ने तुम्हें धोखे में डाले रखा है |
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5090 | 57 | 15 | فاليوم لا يؤخذ منكم فدية ولا من الذين كفروا مأواكم النار هي مولاكم وبئس المصير |
| | | "अब आज न तुमसे कोई फ़िदया (मुक्ति-प्रतिदान) लिया जाएगा और न उन लोगों से जिन्होंने इनकार किया। तुम्हारा ठिकाना आग है, और वही तुम्हारी संरक्षिका है। और बहुत ही बुरी जगह है अन्त में पहुँचने की!" |
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5091 | 57 | 16 | ألم يأن للذين آمنوا أن تخشع قلوبهم لذكر الله وما نزل من الحق ولا يكونوا كالذين أوتوا الكتاب من قبل فطال عليهم الأمد فقست قلوبهم وكثير منهم فاسقون |
| | | क्या उन लोगों के लिए, जो ईमान लाए, अभी वह समय नहीं आया कि उनके दिल अल्लाह की याद के लिए और जो सत्य अवतरित हुआ है उसके आगे झुक जाएँ? और वे उन लोगों की तरह न हो जाएँ, जिन्हें किताब दी गई थी, फिर उनपर दीर्ध समय बीत गया। अन्ततः उनके दिल कठोर हो गए और उनमें से अधिकांश अवज्ञाकारी रहे |
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5092 | 57 | 17 | اعلموا أن الله يحيي الأرض بعد موتها قد بينا لكم الآيات لعلكم تعقلون |
| | | जान लो, अल्लाह धरती को उसकी मृत्यु के पश्चात जीवन प्रदान करता है। हमने तुम्हारे लिए आयतें खोल-खोलकर बयान कर दी है, ताकि तुम बुद्धि से काम लो |
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5093 | 57 | 18 | إن المصدقين والمصدقات وأقرضوا الله قرضا حسنا يضاعف لهم ولهم أجر كريم |
| | | निश्चय ही जो सदका देनेवाले पुरुष और सदका देनेवाली स्त्रियाँ है और उन्होंने अल्लाह को अच्छा ऋण दिया, उसे उसके लिए कई गुना कर दिया जाएगा। और उनके लिए सम्मानित प्रतिदान है |
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5094 | 57 | 19 | والذين آمنوا بالله ورسله أولئك هم الصديقون والشهداء عند ربهم لهم أجرهم ونورهم والذين كفروا وكذبوا بآياتنا أولئك أصحاب الجحيم |
| | | जो लोग अल्लाह और उसके रसूल पर ईमान लाए, वही अपने रब के यहाण सिद्दीक और शहीद है। उनके लिए उनका प्रतिदान और उनका प्रकाश है। किन्तु जिन लोगों ने इनकार किया और हमारी आयतों को झुठलाया, वही भड़कती आगवाले हैं |
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5095 | 57 | 20 | اعلموا أنما الحياة الدنيا لعب ولهو وزينة وتفاخر بينكم وتكاثر في الأموال والأولاد كمثل غيث أعجب الكفار نباته ثم يهيج فتراه مصفرا ثم يكون حطاما وفي الآخرة عذاب شديد ومغفرة من الله ورضوان وما الحياة الدنيا إلا متاع الغرور |
| | | जान लो, सांसारिक जीवन तो बस एक खेल और तमाशा है और एक साज-सज्जा, और तुम्हारा आपस में एक-दूसरे पर बड़ाई जताना, और धन और सन्तान में परस्पर एक-दूसरे से बढ़ा हुआ प्रदर्शित करना। वर्षा का मिसाल की तरह जिसकी वनस्पति ने किसान का दिल मोह लिया। फिर वह पक जाती है; फिर तुम उसे देखते हो कि वह पीली हो गई। फिर वह चूर्ण-विचूर्ण होकर रह जाती है, जबकि आख़िरत में कठोर यातना भी है और अल्लाह की क्षमा और प्रसन्नता भी। सांसारिक जीवन तो केवल धोखे की सुख-सामग्री है |
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5096 | 57 | 21 | سابقوا إلى مغفرة من ربكم وجنة عرضها كعرض السماء والأرض أعدت للذين آمنوا بالله ورسله ذلك فضل الله يؤتيه من يشاء والله ذو الفضل العظيم |
| | | अपने रब की क्षमा और उस जन्नत की ओर अग्रसर होने में एक-दूसरे से बाज़ी ले जाओ, जिसका विस्तार आकाश और धरती के विस्तार जैसा है, जो उन लोगों के लिए तैयार की गई है जो अल्लाह और उसके रसूलों पर ईमान लाए हों। यह अल्लाह का उदार अनुग्रह है, जिसे चाहता है प्रदान करता है। अल्लाह बड़े उदार अनुग्रह का मालिक है |
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5097 | 57 | 22 | ما أصاب من مصيبة في الأرض ولا في أنفسكم إلا في كتاب من قبل أن نبرأها إن ذلك على الله يسير |
| | | जो मुसीबतें भी धरती में आती है और तुम्हारे अपने ऊपर, वह अनिवार्यतः एक किताब में अंकित है, इससे पहले कि हम उसे अस्तित्व में लाएँ - निश्चय ही यह अल्लाह के लिए आसान है - |
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