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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5077 | 57 | 2 | له ملك السماوات والأرض يحيي ويميت وهو على كل شيء قدير |
| | | आकाशों और धरती की बादशाही उसी की है। वही जीवन प्रदान करता है और मृत्यु देता है, और उसे हर चीज़ की सामर्थ्य प्राप्त है |
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5078 | 57 | 3 | هو الأول والآخر والظاهر والباطن وهو بكل شيء عليم |
| | | वही आदि है और अन्त भी और वही व्यक्त है और अव्यक्त भी। और वह हर चीज़ को जानता है |
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5079 | 57 | 4 | هو الذي خلق السماوات والأرض في ستة أيام ثم استوى على العرش يعلم ما يلج في الأرض وما يخرج منها وما ينزل من السماء وما يعرج فيها وهو معكم أين ما كنتم والله بما تعملون بصير |
| | | वही है जिसने आकाशों और धरती को छह दिनों में पैदा किया; फिर सिंहासन पर विराजमान हुआ। वह जानता है जो कुछ धरती में प्रवेश करता है और जो कुछ उससे निकलता है और जो कुछ आकाश से उतरता है और जो कुछ उसमें चढ़ता है। और तुम जहाँ कहीं भी हो, वह तुम्हारे साथ है। और अल्लाह देखता है जो कुछ तुम करते हो |
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5080 | 57 | 5 | له ملك السماوات والأرض وإلى الله ترجع الأمور |
| | | आकाशों और धरती की बादशाही उसी की है और अल्लाह ही की है ओर सारे मामले पलटते है |
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5081 | 57 | 6 | يولج الليل في النهار ويولج النهار في الليل وهو عليم بذات الصدور |
| | | वह रात को दिन में प्रविष्ट कराता है और दिन को रात में प्रविष्ट कराता है। वह सीनों में छिपी बात तक को जानता है |
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5082 | 57 | 7 | آمنوا بالله ورسوله وأنفقوا مما جعلكم مستخلفين فيه فالذين آمنوا منكم وأنفقوا لهم أجر كبير |
| | | ईमान लाओ अल्लाह और उसके रसूल पर और उसमें से ख़र्च करो जिसका उसने तु्म्हें अधिकारी बनाया है। तो तुममें से जो लोग ईमान लाए और उन्होंने ख़र्च किया, उसने लिए बड़ा प्रतिदान है |
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5083 | 57 | 8 | وما لكم لا تؤمنون بالله والرسول يدعوكم لتؤمنوا بربكم وقد أخذ ميثاقكم إن كنتم مؤمنين |
| | | तुम्हें क्या हो गया है कि तुम अल्लाह पर ईमान नहीं लाते; जबकि रसूल तुम्हें निमंत्रण दे रहा है कि तुम अपने रब पर ईमान लाओ और वह तुमसे दृढ़ वचन भी ले चुका है, यदि तुम मोमिन हो |
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5084 | 57 | 9 | هو الذي ينزل على عبده آيات بينات ليخرجكم من الظلمات إلى النور وإن الله بكم لرءوف رحيم |
| | | वही है जो अपने बन्दों पर स्पष्ट आयतें उतार रहा है, ताकि वह तुम्हें अंधकारों से प्रकाश की ओर ले आए। और वास्तविकता यह है कि अल्लाह तुमपर अत्यन्त करुणामय, दयावान है |
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5085 | 57 | 10 | وما لكم ألا تنفقوا في سبيل الله ولله ميراث السماوات والأرض لا يستوي منكم من أنفق من قبل الفتح وقاتل أولئك أعظم درجة من الذين أنفقوا من بعد وقاتلوا وكلا وعد الله الحسنى والله بما تعملون خبير |
| | | और तुम्हें क्यो हुआ है कि तुम अल्लाह के मार्ग में ख़र्च न करो, हालाँकि आकाशों और धरती की विरासत अल्लाह ही के लिए है? तुममें से जिन लोगों ने विजय से पूर्व ख़र्च किया और लड़े वे परस्पर एक-दूसरे के समान नहीं है। वे तो दरजे में उनसे बढ़कर है जिन्होंने बाद में ख़र्च किया और लड़े। यद्यपि अल्लाह ने प्रत्येक से अच्छा वादा किया है। अल्लाह उसकी ख़बर रखता है, जो कुछ तुम करते हो |
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5086 | 57 | 11 | من ذا الذي يقرض الله قرضا حسنا فيضاعفه له وله أجر كريم |
| | | कौन है जो अल्लाह को ऋण दे, अच्छा ऋण कि वह उसे उसके लिए कई गुना कर दे। और उसके लिए सम्मानित प्रतिदान है |
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