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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5072 | 56 | 93 | فنزل من حميم |
| | | तो (उसकी) मेहमानी खौलता हुआ पानी है |
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5073 | 56 | 94 | وتصلية جحيم |
| | | और जहन्नुम में दाखिल कर देना |
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5074 | 56 | 95 | إن هذا لهو حق اليقين |
| | | बेशक ये (ख़बर) यक़ीनन सही है |
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5075 | 56 | 96 | فسبح باسم ربك العظيم |
| | | तो (ऐ रसूल) तुम अपने बुज़ुर्ग परवरदिगार की तस्बीह करो |
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5076 | 57 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم سبح لله ما في السماوات والأرض وهو العزيز الحكيم |
| | | जो जो चीज़ सारे आसमान व ज़मीन में है सब ख़ुदा की तसबीह करती है और वही ग़ालिब हिकमत वाला है |
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5077 | 57 | 2 | له ملك السماوات والأرض يحيي ويميت وهو على كل شيء قدير |
| | | सारे आसमान व ज़मीन की बादशाही उसी की है वही जिलाता है वही मारता है और वही हर चीज़ पर कादिर है |
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5078 | 57 | 3 | هو الأول والآخر والظاهر والباطن وهو بكل شيء عليم |
| | | वही सबसे पहले और सबसे आख़िर है और (अपनी क़ूवतों से) सब पर ज़ाहिर और (निगाहों से) पोशीदा है और वही सब चीज़ों को जानता |
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5079 | 57 | 4 | هو الذي خلق السماوات والأرض في ستة أيام ثم استوى على العرش يعلم ما يلج في الأرض وما يخرج منها وما ينزل من السماء وما يعرج فيها وهو معكم أين ما كنتم والله بما تعملون بصير |
| | | वह वही तो है जिसने सारे आसमान व ज़मीन को छह: दिन में पैदा किए फिर अर्श (के बनाने) पर आमादा हुआ जो चीज़ ज़मीन में दाखिल होती है और जो उससे निकलती है और जो चीज़ आसमान से नाज़िल होती है और जो उसकी तरफ चढ़ती है (सब) उसको मालूम है और तुम (चाहे) जहाँ कहीं रहो वह तुम्हारे साथ है और जो कुछ भी तुम करते हो ख़ुदा उसे देख रहा है |
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5080 | 57 | 5 | له ملك السماوات والأرض وإلى الله ترجع الأمور |
| | | सारे आसमान व ज़मीन की बादशाही ख़ास उसी की है और ख़ुदा ही की तरफ कुल उमूर की रूजू होती है |
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5081 | 57 | 6 | يولج الليل في النهار ويولج النهار في الليل وهو عليم بذات الصدور |
| | | वही रात को (घटा कर) दिन में दाखिल करता है तो दिन बढ़ जाता है और दिन को (घटाकर) रात में दाख़िल करता है (तो रात बढ़ जाती है) और दिलों के भेदों तक से ख़ूब वाक़िफ है |
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