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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
5070 | 56 | 91 | فسلام لك من أصحاب اليمين |
| | | तो "सलाम है तुम्हें कि तुम सौभाग्यशाली में से हो।" |
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5071 | 56 | 92 | وأما إن كان من المكذبين الضالين |
| | | किन्तु यदि वह झुठलानेवालों, गुमराहों में से है; |
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5072 | 56 | 93 | فنزل من حميم |
| | | तो उसका पहला सत्कार खौलते हुए पानी से होगा |
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5073 | 56 | 94 | وتصلية جحيم |
| | | फिर भड़कती हुई आग में उन्हें झोंका जाना है |
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5074 | 56 | 95 | إن هذا لهو حق اليقين |
| | | निस्संदेह यही विश्वसनीय सत्य है |
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5075 | 56 | 96 | فسبح باسم ربك العظيم |
| | | अतः तुम अपने महान रब की तसबीह करो |
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5076 | 57 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم سبح لله ما في السماوات والأرض وهو العزيز الحكيم |
| | | अल्लाह की तसबीह की हर उस चीज़ ने जो आकाशों और धरती में है। वही प्रभुत्वशाली, तत्वशाली है |
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5077 | 57 | 2 | له ملك السماوات والأرض يحيي ويميت وهو على كل شيء قدير |
| | | आकाशों और धरती की बादशाही उसी की है। वही जीवन प्रदान करता है और मृत्यु देता है, और उसे हर चीज़ की सामर्थ्य प्राप्त है |
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5078 | 57 | 3 | هو الأول والآخر والظاهر والباطن وهو بكل شيء عليم |
| | | वही आदि है और अन्त भी और वही व्यक्त है और अव्यक्त भी। और वह हर चीज़ को जानता है |
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5079 | 57 | 4 | هو الذي خلق السماوات والأرض في ستة أيام ثم استوى على العرش يعلم ما يلج في الأرض وما يخرج منها وما ينزل من السماء وما يعرج فيها وهو معكم أين ما كنتم والله بما تعملون بصير |
| | | वही है जिसने आकाशों और धरती को छह दिनों में पैदा किया; फिर सिंहासन पर विराजमान हुआ। वह जानता है जो कुछ धरती में प्रवेश करता है और जो कुछ उससे निकलता है और जो कुछ आकाश से उतरता है और जो कुछ उसमें चढ़ता है। और तुम जहाँ कहीं भी हो, वह तुम्हारे साथ है। और अल्लाह देखता है जो कुछ तुम करते हो |
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