نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4999 | 56 | 20 | وفاكهة مما يتخيرون |
| | | और जिस क़िस्म के मेवे पसन्द करें |
|
5000 | 56 | 21 | ولحم طير مما يشتهون |
| | | और जिस क़िस्म के परिन्दे का गोश्त उनका जी चाहे (सब मौजूद है) |
|
5001 | 56 | 22 | وحور عين |
| | | और बड़ी बड़ी ऑंखों वाली हूरें |
|
5002 | 56 | 23 | كأمثال اللؤلؤ المكنون |
| | | जैसे एहतेयात से रखे हुए मोती |
|
5003 | 56 | 24 | جزاء بما كانوا يعملون |
| | | ये बदला है उनके (नेक) आमाल का |
|
5004 | 56 | 25 | لا يسمعون فيها لغوا ولا تأثيما |
| | | वहाँ न तो बेहूदा बात सुनेंगे और न गुनाह की बात |
|
5005 | 56 | 26 | إلا قيلا سلاما سلاما |
| | | (फहश) बस उनका कलाम सलाम ही सलाम होगा |
|
5006 | 56 | 27 | وأصحاب اليمين ما أصحاب اليمين |
| | | और दाहिने हाथ वाले (वाह) दाहिने हाथ वालों का क्या कहना है |
|
5007 | 56 | 28 | في سدر مخضود |
| | | बे काँटे की बेरो और लदे गुथे हुए |
|
5008 | 56 | 29 | وطلح منضود |
| | | केलों और लम्बी लम्बी छाँव |
|