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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4949 | 55 | 48 | ذواتا أفنان |
| | | दोनों बाग़ (दरख्तों की) टहनियों से हरे भरे (मेवों से लदे) हुए |
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4950 | 55 | 49 | فبأي آلاء ربكما تكذبان |
| | | फिर दोनों अपने सरपरस्त की किस किस नेअमतों को झुठलाओगे |
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4951 | 55 | 50 | فيهما عينان تجريان |
| | | इन दोनों में दो चश्में जारी होंगें |
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4952 | 55 | 51 | فبأي آلاء ربكما تكذبان |
| | | तो तुम दोनों अपने परवरदिगार की किस किस नेअमत से मुकरोगे |
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4953 | 55 | 52 | فيهما من كل فاكهة زوجان |
| | | इन दोनों बाग़ों में सब मेवे दो दो किस्म के होंगे |
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4954 | 55 | 53 | فبأي آلاء ربكما تكذبان |
| | | तुम दोनों अपने परवरदिगार की किस किस नेअमत से इन्कार करोगे |
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4955 | 55 | 54 | متكئين على فرش بطائنها من إستبرق وجنى الجنتين دان |
| | | यह लोग उन फ़र्शों पर जिनके असतर अतलस के होंगे तकिये लगाकर बैठे होंगे तो दोनों बाग़ों के मेवे (इस क़दर) क़रीब होंगे (कि अगर चाहे तो लगे हुए खालें) |
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4956 | 55 | 55 | فبأي آلاء ربكما تكذبان |
| | | तो तुम दोनों अपने मालिक की किस किस नेअमत को न मानोगे |
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4957 | 55 | 56 | فيهن قاصرات الطرف لم يطمثهن إنس قبلهم ولا جان |
| | | इसमें (पाक दामन ग़ैर की तरफ ऑंख उठा कर न देखने वाली औरतें होंगी जिनको उन से पहले न किसी इन्सान ने हाथ लगाया होगा) और जिन ने |
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4958 | 55 | 57 | فبأي آلاء ربكما تكذبان |
| | | तो तुम दोनों अपने परवरदिगार की किन किन नेअमतों को झुठलाओगे |
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