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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4943 | 55 | 42 | فبأي آلاء ربكما تكذبان |
| | | आख़िर तुम दोनों अपने परवरदिगार की किस किस नेअमत से इन्कार करोगे |
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4944 | 55 | 43 | هذه جهنم التي يكذب بها المجرمون |
| | | (फिर उनसे कहा जाएगा) यही वह जहन्नुम है जिसे गुनाहगार लोग झुठलाया करते थे |
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4945 | 55 | 44 | يطوفون بينها وبين حميم آن |
| | | ये लोग दोज़ख़ और हद दरजा खौलते हुए पानी के दरमियान (बेक़रार दौड़ते) चक्कर लगाते फिरेंगे |
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4946 | 55 | 45 | فبأي آلاء ربكما تكذبان |
| | | तो तुम दोनों अपने परवरदिगार की किस किस नेअमत को न मानोगे |
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4947 | 55 | 46 | ولمن خاف مقام ربه جنتان |
| | | और जो शख्स अपने परवरदिगार के सामने खड़े होने से डरता रहा उसके लिए दो दो बाग़ हैं |
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4948 | 55 | 47 | فبأي آلاء ربكما تكذبان |
| | | तो तुम दोनों अपने परवरदिगार की कौन कौन सी नेअमत से इन्कार करोगे |
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4949 | 55 | 48 | ذواتا أفنان |
| | | दोनों बाग़ (दरख्तों की) टहनियों से हरे भरे (मेवों से लदे) हुए |
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4950 | 55 | 49 | فبأي آلاء ربكما تكذبان |
| | | फिर दोनों अपने सरपरस्त की किस किस नेअमतों को झुठलाओगे |
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4951 | 55 | 50 | فيهما عينان تجريان |
| | | इन दोनों में दो चश्में जारी होंगें |
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4952 | 55 | 51 | فبأي آلاء ربكما تكذبان |
| | | तो तुम दोनों अपने परवरदिगार की किस किस नेअमत से मुकरोगे |
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