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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
4935 | 55 | 34 | فبأي آلاء ربكما تكذبان |
| | | तो तुम अपने परवरदिगार की किस किस नेअमत को झुठलाओगे |
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4936 | 55 | 35 | يرسل عليكما شواظ من نار ونحاس فلا تنتصران |
| | | (गुनाहगार जिनों और आदमियों जहन्नुम में) तुम दोनो पर आग का सब्ज़ शोला और सियाह धुऑं छोड़ दिया जाएगा तो तुम दोनों (किस तरह) रोक नहीं सकोगे |
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4937 | 55 | 36 | فبأي آلاء ربكما تكذبان |
| | | फिर तुम दोनों अपने परवरदिगार की किस किस नेअमत से इन्कार करोगे |
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4938 | 55 | 37 | فإذا انشقت السماء فكانت وردة كالدهان |
| | | फिर जब आसमान फट कर (क़यामत में) तेल की तरह लाल हो जाऐगा |
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4939 | 55 | 38 | فبأي آلاء ربكما تكذبان |
| | | तो तुम दोनों अपने परवरदिगार की किस किस नेअमत से मुकरोगे |
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4940 | 55 | 39 | فيومئذ لا يسأل عن ذنبه إنس ولا جان |
| | | तो उस दिन न तो किसी इन्सान से उसके गुनाह के बारे में पूछा जाएगा न किसी जिन से |
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4941 | 55 | 40 | فبأي آلاء ربكما تكذبان |
| | | तो तुम दोनों अपने मालिक की किस किस नेअमत को न मानोगे |
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4942 | 55 | 41 | يعرف المجرمون بسيماهم فيؤخذ بالنواصي والأقدام |
| | | गुनाहगार लोग तो अपने चेहरों ही से पहचान लिए जाएँगे तो पेशानी के पटटे और पाँव पकड़े (जहन्नुम में डाल दिये जाएँगे) |
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4943 | 55 | 42 | فبأي آلاء ربكما تكذبان |
| | | आख़िर तुम दोनों अपने परवरदिगार की किस किस नेअमत से इन्कार करोगे |
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4944 | 55 | 43 | هذه جهنم التي يكذب بها المجرمون |
| | | (फिर उनसे कहा जाएगा) यही वह जहन्नुम है जिसे गुनाहगार लोग झुठलाया करते थे |
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